बसुआरी गांव में नही मिल रहा स्वास्थ्य केंद्र और पशु चिकित्सालय का लाभ
घोघरडीहा प्रखंड के बसुआरी गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए लालायित हैं।
मधुबनी। घोघरडीहा प्रखंड के बसुआरी गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए लालायित हैं। बसुआरी पंचायत के गांवों में शामिल बसुआरी, बगराहा, पीपरा, कमलपुर, अलोला गांव के लोग विकास से उपेक्षित महसूस कर रहे है। घोघरडीहा प्रखंड मुख्यालय से सड़क सुविधा की मार झेल रहे इस गांव के लोगों को बरसात के दिनों में बाढ़ और जलजमाव से महीनों तक परेशानी झेलना पड़ता हैं। बसुआरी पंचायत के गांवों के विकास पर सड़क असुविधा का ग्रहण लगा हैं। भुतही बलान के गर्भ में बसे इस पंचायत के गांवों का समुचित विकास अभी सपना ही बना हैं। परिवहन सुविधा से वंचित यहां के लोगों को आज भी कोसों तक की यात्रा पैदल तय करना पड़ रहा हैं। जरुरत हैं इस पंचायत के समुचित विकास के लिए ठोस पहल की। बसुआरी पंचायत की सड़कों का निर्माण का प्रयास कारगर साबित होने लगा हैं। पंचायत के सड़कों के निर्माण की योजना प्रस्तावित है। स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक व कर्मी की कमी दूर करने के लिए सिविल सर्जन को प्रयास किया जाना चाहिए ताकि लोगों को सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके।
- वीणा कुमारी, मुखिया पंचायत बसुआरी बसुआरी गांव के विकास के लिए अबतक ठोस प्रयास नही संभव हो सका हैं। नरहिया बाजार से भवटियाही, गिद्हा, बसुआरी, हटनी होकर सुपौल सीमा तक करीब 20 किमी तक की एक मात्र सड़क यहां के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा हैं। शेष सड़कों की हालत जर्जर बनी हैं।
- जगदेव यादव बसुआरी गांव स्थित पशु चिकित्सालय का भवन खंडहर में बन चुका है। स्वास्थ्य केंद्र पर लोगों को स्वास्थ्य सेवा से वंचित होना पड़ रहा है। पशु चिकित्सालय के आसपास की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाना चाहिए। पशुओं में बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है।
- मिथिलेश कुमार यादव बसुआरी पंचायत के बगराहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय तक सड़क का निर्माण कराया जाना चाहिए। इस विद्यालय में भवन की कमी से बच्चों को पेड़ के नीचे पठन-पाठन करते है। विभिन्न विद्यालय तक सड़क नही होने से बच्चों को भारी परेशानी होती है।
- भैरव पासवान यहां के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत में सुधार लाने का लाभ बच्चों को मिलेगा। गांवों की सड़क का निर्माण से ही पंचायत का विकास होगा। सड़क व नाला के अभाव में बरसात के दिनों में लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। पैदल चलना भी मुश्किल होता हैं।
- राजकुमार महतो पंचायत के गांवों प्रतिदिन करीब 14 घंटे तक बिजली आपूर्ति हो रही हैं। पंचायत के विभिन्न हिस्सों क जर्जर तार व पोल नही बदली जा रही है। बांस-बल्ला के सहारे विद्युत आपूर्ति से अनहोनी की आशंका बनी रहती है। लो वोल्टेज की समस्या दूर होने का नाम नही ले रहा है।
- महादेव यादव ------------ बसुआरी गांव : एक नजर
पंचायत : बसुआरी
जनसंख्या : करीब 19 हजार
वोटर : करीब 10 हजार
विद्यालय : 6
सरकारी सेवा में : करीब 1500
शिक्षित बेरोजगार : करीब 4 हजार
स्वास्थ्य केंद्र : 1
पशु चिकित्सालय : 1
आंगनबाड़ी केंद्र : 7
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