शिक्षा के साथ जीवन जीने की कला से भी कराते अवगत गुरु
मधुबनी। गुरु-शिष्य की परंपरा की पवित्र परंपरा आज भी कायम है। आज भी छात्र-छात्राएं माता-पिता से उपर गुरु को स्थान देते हैं। किसी भी क्षेत्र में गुरु के बिना ज्ञान प्राप्त करना संभव नहीं होता है।
मधुबनी। गुरु-शिष्य की परंपरा की पवित्र परंपरा आज भी कायम है। आज भी छात्र-छात्राएं माता-पिता से उपर गुरु को स्थान देते हैं। किसी भी क्षेत्र में गुरु के बिना ज्ञान प्राप्त करना संभव नहीं होता है। देश में गुरु को परमेश्वर का दर्जा की मान्यता रही है। गुरु के छात्र हित में किए जा रहे निस्वार्थ भाव को दर्शाता है। गुरु के लिए छात्र-छात्राएं संतान के समान होते है। वे छात्रों को शिक्षा दान करते करते हैं। वे लोभ व मोह दूर रहकर शिक्षा दान करते हैं। जिससे उनके छात्र एक बेहतर नागरिक बन सके। प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। इस मौके पर गुरु के प्रति समर्पित होकर उनके द्वारा दी गई शिक्षा और सूझबूझ का बखान करते हुए श्रद्धा अर्पित करते हैं। 'गुरु के बिना हम ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। गुरु हमें किताबी ज्ञान ही नहीं जीवन जीने का ज्ञान भी देते हैं। जो गर्व करने के काबिल है। हमें छात्र जीवन में रहते हुए अपने गुरु का सम्मान करना चाहिए। गुरु की कृपा से ही कामयाबी मिलेगीं।'
- स्नेहा कुमारी, छात्रा
फोटो 1 एमडीबी 11 'शिक्षक से हम ज्ञान प्राप्त करते हैं। वे हमें किताबी ज्ञान के साथ अनुशासन, लोगों से व्यवहार, सामाजिक दायित्व का भी ज्ञान कराते हैं। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर हम सफलता हासिल कर सकते हैं। शिष्यों की सफलता से गुरु को खुशी होती है।'
- प्रीतम परी, छात्रा
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गरीब बच्चों के लिए वरदान बना 'उम्मीद एक किरण' वंचितों, आर्थिक दृष्टि से कमजोर मेधावी छात्रों के लिए 'उम्मीद एक किरण' वरदान साबित हो रहा है। इस बैनर के तले 15 युवाओं की टीम विगत चार वर्षो में 500 बच्चों को पढ़ाई में मदद कर रहे है। वंचित बच्चों को सहायता करने वाली टीम के एक सदस्य अमित महासेठ ने बताया कि अपने मित्रों के साथ वर्ष 2015 को संगठित होकर वंचित बच्चों के लिए निश्शुल्क शिक्षा का काम करना शुरू किया। 'उम्मीद एक किरण' के सहयोगी किसी न किसी व्यवसाय से जुड़े हैं। क्षमता अनुसार मदद करते हैं। सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे आर्थिक दृष्टि से कमजोर बच्चों का चयन करते हैं। उन्हें कॉपी, किताब, कलम सहित अन्य आवश्यक पाठ्य सामग्री निश्शुल्क उपलब्ध कराते हैं। चयनित बच्चों को 'उम्मीद एक किरण' की शिक्षा केंद्र पर निश्शुल्क कोचिग दी जाती है। मैट्रिक की परीक्षार्थियों को अलग से तैयारी करायी जाती है। आने वाले समय में 'उम्मीद एक किरण' के द्वारा अन्य कार्यो के विस्तार की संभावना है।