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मधुमेह से बचाव को संयमित जीवन शैली को अपनाया जाना जरूरी

धार्मिक ग्रंथों से लेकर आधुनिक शिक्षा के जरिए स्वस्थ रहने की सीख दी जाती रही है। स्वस्थ समाज के लिए हरेक व्यक्ति को स्वस्थ्य होना लाजिमी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:33 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 11:33 PM (IST)
मधुमेह से बचाव को संयमित जीवन शैली को अपनाया जाना जरूरी
मधुमेह से बचाव को संयमित जीवन शैली को अपनाया जाना जरूरी

मधुबनी । धार्मिक ग्रंथों से लेकर आधुनिक शिक्षा के जरिए स्वस्थ रहने की सीख दी जाती रही है। स्वस्थ समाज के लिए हरेक व्यक्ति को स्वस्थ्य होना लाजिमी है। स्वस्थता को लेकर सरकारी गैर सरकारी स्तर पर भी नित नए प्रयोग और उसे अमल में लाने का प्रयास जारी है। किसी भी रोग के आसान इलाज की खोज के लिए मेडिकल साइंस के साथ होमियोपैथ, आयुर्वेद, यूनानी पद्धति पर तेजी से कार्य चल रहा है। वहीं खान-पान व असंतुलित जीवन के कारण रोगों का प्रकार व प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस दिशा में एक दशक पूर्व तक काफी कम लोगों में पाए जाने वाला मधुमेह का विस्तार भी तेजी से हुआ है। बड़ी संख्या में इसके पीड़ितों सामने आ रहे हैं। पीड़ितों में बुजुर्ग महिला-पुरुष के अलावा युवा की संख्या भी बढ़ती जा रही है। समय-समय पर मधुमेह संबंधी जांच जरूरी मधुमेह से बचाव के लिए सजग रहने की जरूरत है। खान-पान के साथ जीवन शैली में बदलाव लाया जाना आवश्यक माना गया है। व्यस्तता के कारण ससमय नाश्ता-भोजन की उपेक्षा, धूम्रपान, तनाव जैसे आदतों से मधुमेह की शिकायत बढ़ने लगती है। ससमय उचित खान-पान के साथ नियमित रूप से व्यायाम की उपेक्षा के बचते हुए समय-समय पर मधुमेह संबंधी जांच कराया जाना जरूरी होगा। तनावमुक्त माहौल में कार्यों का संपादन इस रोग से बचाव में कारगर हो सकता है। खान-पान का रखे विशेष ध्यान मधुमेह रोगियों में शरीर का घटता वजन अन्य रोगों को बढ़ावा देने लगता है। इसके रोगियों का खान-पान सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं बल्कि शरीर के ब्लड शूगर की मात्रा को नियंत्रित रखने में सहायक होता है। इसके रोगियों को खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। माना गया है कि इन्सुलिन हार्मोन के स्रावन में कमी से यह रोग होता है। इसके रोगी में आंख, किडनी की समस्या आने लगती है। उम्र के अनुरूप शरीर का बहुत कम या ज्यादा होना खतरनाक बना रहता है। शरीर में फैट की अत्यधिक मात्रा से होने वाले मधुमेह रोग से बचाव के लिए आयुर्वेद के अलावा होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति भी कारगर हो सकती है। खान-पान के साथ संयमित जीवन शैली को अपनाया जाना जरूरी हो गया है। इलाज के प्रति सावधानी का रखें ख्याल मधुमेह रोगियों को इस रोग से निजात के दिशा में इलाज के प्रति सावधानी बरतने के साथ घरेलू नुस्खा या फिर सुनी-सुनाई चिकित्सा पद्धति को अपनाने का ख्याल रखा जाना चाहिए। इलाजरत मधुमेह का रोगियों द्वारा कभी-कभी घरेलू नुस्खे या फिर किसी व्यक्ति द्वारा इस रोग से बचाव को बताए गए उपाय भी जानलेवा होने लगता है। रोगियों को किसी भी प्रकार की दवाइयां या फिर चिकित्सकीय पद्धति अपनाने से पहले अपने चिकित्सक या फिर स्वास्थ्य केंद्रों से उचित सलाह लेनी चाहिए। जिले में एक लाख से अधिक मधुमेह रोगी 40 लाख से अधिक की आबादी वाले जिले में मधुमेह रोगियों की संख्या में इजाफा काफी ¨चताजनक माना जा सकता है। जानकारी के अनुसार जिले में एक लाख से अधिक मधुमेह के रोगी बताए गए हैं। जबकि इसकी संख्या में बढ़ोतरी ही देखी जा रही है। सदर अस्पताल में मधुमेह की जांच की व्यवस्था बहाल की गई है। अस्पताल में मधुमेह रोगी की जांच के लिए किट सहित अन्य दवाएं मौजूद है। वहीं जिले में संचालित करीब तीन सौ निजी जांच घर में इसके पीड़ित जांच कराते हैं। हरेक निजी जांच घरों में जांच के लिए अलग-अलग शुल्क लिए जाते हैं। ऐसे रोगियों का खाली पेट फिर नाश्ता बाद खून व पेशाब की जांच पर मधुमेह की स्थिति की रिपोर्ट दी जाती है। मधुमेह के शुरुआती लक्षणों को जाने मधुमेह के शुरुआती लक्षणों की पहचान के साथ उसके निदान व इलाज का प्रयास हो तो इस रोग से छुटकारा पाने में काफी सहज होता है। अनेक इसके रोगियों को मधुमेह की लक्षण की जानकारी नहीं होने के कारण धीरे-धीरे यह रोग काफी बढ़ जाता है। जिससे काफी कठिनाई होने लगती है। मधुमेह रोगियों के शरीर के किसी भी भाग का जख्म ठीक होने में काफी समय लगता है। ऐसे रोगियों को वायरल बुखार, खांसी, जुकाम या फिर इफेक्शन से तुरत लाभ मिलने में परेशानी होती है। चर्मरोग की शिकायत भी बढ़ने लगती है।

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'मधुमेह को वंशानुगत भी माना गया है। पूर्वजों को इस रोग की शिकायत होने से परिवार के अन्य सदस्यों को भी इसकी आशंका बनी रहती है। इसके रोगी को आंखों की रोशनी कम होने के साथ धूंधला दिखाई देने लगता हैं। इसके लक्षणों में शुरुआती दौर में अत्यधिक थकान, ¨नद आना, बार-बार पेशाब आना, अधिक प्यास लगना सहित अन्य परेशानी पाया जाता है। तेजी से शरीर का वजन घटने लगता है।'

- डा. अरविन्द झा

फोटो 14 एमडीबी 28 'दिनचर्या में सुधार और खान-पान के प्रति सजगता के अलावा व्यायाम के सहारे मोटापा को कम किया जा सकता है। इससे मधुमेह के लक्षण की शिकायत दूर की जा सकती है। मधुमेह के लक्षण से बचाव के लिए चर्बी युक्त वस्तुओं का कम सेवन के साथ तेल, मसाला व बाजार की मसालेदार चटपटे खाद्य वस्तुओं से परहेज किया जाना चाहिए। फलों का सेवन लाभदायक होता है। व्यायाम, योग भी काफी कारगर होता है।'

- गिरीन्द्र चौधरी

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