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भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार को लेकर चहुंओर उत्साह

मधुबनी। आज गुरुवार को भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार का उत्साह चहुंओर दिखेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 10:49 PM (IST)
भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार को लेकर चहुंओर उत्साह
भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार को लेकर चहुंओर उत्साह

मधुबनी। आज गुरुवार को भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार का उत्साह चहुंओर दिखेगा। इस पवित्र त्योहार पर हरेक बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध यही उद्गार व्यक्त करेंगी कि भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना। रक्षाबंधन त्योहार को लेकर त्योहार के पूर्व संध्या बुधवार को शहर के राखी दुकानों पर बहनों की भारी भीड़ देखी गई। बहन भाइयों के कलाई पर अति आकर्षक राखी बांधने के लिए एक से अनेक दुकानों पर मनपसंद राखी की खरीदारी करती रही। चकाचौंध भरी डिजाइनर राखी दुकानों पर एक से बढ़कर एक राखी बहनों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा। रूई, जड़ी सहित विभिन्न किस्म के राखी की मांग जोरों पर रही है। चांदी से तैयार राखी की बिक्री भी खूब देखी गई। रक्षाबंधन त्योहार को लेकर गिफ्ट आइटम के अलावा कपड़ों की खरीदारी भी जमकर की जा रही। मिठाई की होती रही जमकर खरीदारी रक्षाबंधन को लेकर शहर के विभिन्न मिठाई दुकानों पर लड्डू, बेसन लड्डू, खोआ बर्फी, रसगुल्ला, लालमोहन, बालुशाही, पेड़ा, रसकदम, रसमलाई सहित विभिन्न किस्म के मिठाई की जमकर खरीदारी चलती रही। शहर के डाकघर रोड स्थित बंसी साह एण्ड संस के अलावा सुधा काउंटरों पर भी मिठाई के खरीदारों की भारी भीड़ देखी गई। मिठाई की भरपूर मांग को देखते हुए बाहर से तैयार मिठाई की आपूर्ति भी होती रही। देवी-देवताओं की तस्वीर पर रक्षासूत्र अर्पित करती महिलाएं आम तौर पर रक्षाबंधन त्योहार पर बहनें भाइयों के कलाई पर राखी बांधती है। जिस भाई को अपना बहन नहीं होती वे मुंहबोली बहन से राखी बंधवाते हैं। इससे अलग यहां स्थानीय स्तर पर पंडितों द्वारा लोगों को रक्षा सूत्र बांधने की प्राचीन परम्परा रही है। रक्षाबंधन के दिन पंडित अपने यजमानों के यहां पहुंच मंत्रोच्चारण के बीच उनके कलाई पर रूई से तैयार रक्षासूत्र बांधते हैं। इसके एवज में यजमान द्वारा पंडितों को दान-दक्षिणा दिया जाता है। वहीं महिलाएं इसी प्रकार की रक्षासूत्र पूजा घर में देवी-देवताओं की तस्वीर पर अर्पित करती हैं।

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'रक्षाबंधन पर पेड़-पौधों को रक्षासूत्र बांधकर बहन का फर्ज अदा करुंगी। पेड़-पौधों की रक्षा का संकल्प लेकर उसकी रक्षा के लिए सदैव अग्रसर रहूंगी।'

- सिद्धी

फोटो 14 एमडीबी 28 'रक्षाबंधन के दिन अच्छे कपड़े पहनकर भाई को राखी बांधना और मिठाई खिलाना अच्छा लगता है। इस दिन भाई से उपहार पाकर खुश हो जाती हूं।'

- साईं प्रिया

फोटो 14 एमडीबी 29 'रक्षाबंधन के दिन बहन से राखी बंधवाने के बाद दोस्तों की बहन से राखी बंधवाता हूं। कई जगहों पर राखी बंधवाने के साथ तरह-तरह की मिठाई मिलता हैं।'

- गोपी कुमार

फोटो 14 एमडीबी 30 'रक्षाबंधन के दिन बहन से राखी बांधने को बेसब्री से इंतजार रहता है। बहन की खुशी पूरा करने की इच्छा रहती है। दूर दराज रहने वाली बहन से राखी बंधवाने के लिए बहन के घर जाता हूं।'

- मंगलानंद झा

फोटो 14 एमडीबी 31 'रक्षाबंधन के दिन शुभ समय का ध्यान रखना जरूरी होता है। 15 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन बुधवार को राखी बांधने के लिए सुबह 7 बजकर 49 मिनट से काफी शुभ मुहूर्त माना गया हैं। अपराह्न 3 बजे तक पूर्णिमा होने के कारण रक्षाबंधन अनुष्ठान संपन्न कराया जा सकता है। अपराह्न 3 बजे के बाद भादव शुरू हो जाएगा। शुभ मुहूर्त की अवधि में रक्षाबंधन अनुष्ठान संपन्न कराया जाना शुभ फलदायक होगा।'

- पं. ऋषिनाथ झा

फोटो 14 एमडीबी 32


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