श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों की प्रतिवाद रैली
मधुबनी। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर गुरुवार को बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई के तत्वावधान में केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रतिवाद रैली निकाली गई।
मधुबनी। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर गुरुवार को बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई के तत्वावधान में केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रतिवाद रैली निकाली गई। मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर आवाज उठाई गई। केंद्र सरकार के श्रम कानून में किए गए संशोधन के विरोध में महासंघ के जिला मंत्री गणपति झा के नेतृत्व में अराजपत्रित कर्मचारियों ने महासंघ के जिला कार्यालय से प्रतिवाद रैली निकालकर समाहरणालय के मुख्य प्रवेश द्वार तक गए। जहां यह प्रतिवाद रैली प्रदर्शन सभा में तब्दील हो गई।
प्रदर्शन सभा की अध्यक्षता महासंघ के जिलाध्यक्ष आनंद मोहन चौधरी ने किया। जिला मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार श्रमिकों के अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है। श्रम कानून में संशोधन कर इस कानून को कमजोर किया जा रहा है। प्रदर्शन सभा को महासंघ के नेता विजय कुमार यादव, दुखी राम, प्रीत नारायण दास, सहायक जिला मंत्री रमण प्रसाद सिंह, श्याम नारायण, मीरा कुमारी, अजित सिंह आदि ने भी संबोधित किया। बाद में जिला पदाधिकारी के नाम छह सूत्री मांगों संबंधी ज्ञापन भी सौंपा गया। इन मांगों के समर्थन में प्रतिवाद रैली, प्रदर्शन : <ढ्डद्धड्ड>-- कामगार विरोधी श्रम कानून संशोधनों को रद किया जाए। एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। - वेतन एवं भत्तों में कटौती तथा अíजत अवकाश के नकदीकरण पर रोक को वापस लिया जाए। डीएम वृद्धि पर लगाई गई रोक के आदेश को प्रत्याहरित किया जाए। - अस्थाई एवं संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। सरकारी विभागों में रिक्त पड़े सभी पदों को अतिशीघ्र भरा जाए। - महामारी के खिलाफ काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए और सभी कर्मचारियों को बीमा का लाभ दिया जाए। - बिजली, शिक्षा और रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगाया जाए।