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आपात स्थिति से निपटने में प्रशासन नाकाम

मधुबनी। बीते 14 जुलाई की सुबह खुटौना के दौलतपुर में भुतही का बायां तटबंध टूटा और देखते ही देखते वहां करीब ढाई दर्जन लोगों के घर बह गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 10:26 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 06:30 AM (IST)
आपात स्थिति से निपटने में प्रशासन नाकाम
आपात स्थिति से निपटने में प्रशासन नाकाम

मधुबनी। बीते 14 जुलाई की सुबह खुटौना के दौलतपुर में भुतही का बायां तटबंध टूटा और देखते ही देखते वहां करीब ढाई दर्जन लोगों के घर बह गए। अब ये लोग टूटे तटबंधों पर धरती का बिछौना कर आकाश ओढे हुए हैं। भुतही का जलस्तर नीचे आ गया है और कटाव से पानी का बहाव थम सा गया है। भुतही के सम्बन्ध में न तो कोई अंदाजा लगाया जा सकता है और न ही कोई भविष्यवाणी की जा सकती है। सामने नेपाली क्षेत्र के पहाडों पर घने बादल घिरे नहीं कि इसके आधा-पौने घंटे में नदी फुफकारने लगती है। माकपा के उमेश घोष बाढ नियंत्रण महकमे द्वारा नदी के तटबंधों को पूर्णत: सुरक्षित होने तथा आपात स्थिति से निपटने की तैयारी के हाल तक किए गए दावों को खोखला बताते हैं।

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जदयू के वरिष्ठ कार्यकत्र्ता व जिप सदस्य तजमुल हुसैन जो स्वंय बाढ से प्रभावित हैं, दौलतपुर में कटाव को भरने के बाढ नियंत्रण महकमे के प्रयास को नाकाफी बताते हैं। वे कहते हैं कि महज 15-20 मजदूरों से तीन सौ फीट से अधिक लम्बी खाई को पूरा करने में काफी वक्त की दरकार है। इस बीच भुतही का मिजाज बिगडा और ज्यादा पानी आ गया तो सब किया धरा फिर पानी में चला जाएगा।

वहीं सदस्य श्री हुसैन वैसे बाढ पीडितों के बीच आवश्यक सामग्रियों के वितरण एवं सामुदायिक रसोई द्वारा उन्हें आपूर्ति किए जा रहे भोजन की व्यवस्था से संतुष्ट हैं और इसका श्रेय अनुमंडल एवं प्रखण्ड प्रशासन को दे रहे हैं।


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