लेखापाल सह आइटी सहायक पद के लिए फिर से होगी काउंसि¨लग
जिले में लेखापाल सह आइटी सहायक पद पर संविदा आधारित नियोजन के लिए जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन कर रखा है। उन्हें नियोजन की कार्रवाई के लिए अभी और भी लंबी प्रतीक्षा करनी होगी।
मधुबनी। जिले में लेखापाल सह आइटी सहायक पद पर संविदा आधारित नियोजन के लिए जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन कर रखा है। उन्हें नियोजन की कार्रवाई के लिए अभी और भी लंबी प्रतीक्षा करनी होगी। उक्त पद पर नियोजन हेतु पूर्व में संपन्न की गई काउंसि¨लग तकनीकी पेंच में फंस जाने से पुन: काउंसि¨लग कराने की आवश्यकता हो गई है। उक्त पद के लिए काउंसि¨लग हेतु अभ्यर्थियों की पुन: सूची तैयारी की जाएगी। यह सूची तैयार करने का कार्य जिलास्तर पर प्रारंभ भी कर दिया गया है। गौरतलब है कि उक्त पदों के लिए अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग पहले की गई थी। काउंसि¨लग के बाद ज्ञात हुआ कि आवेदन के समय कई अभ्यर्थी बीकॉम के ऑनर्स पेपर के कुल पूर्णांक 800 के आधार पर तो कोई अभ्यर्थी बीकॉम के कुल पूर्णांक 1,500 के आधार पर तो कुछ अभ्यर्थी तो महज पूर्णांक 500 के आधार पर ही प्रतिशत अंक की गणना कर ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर दिया था। इस मामले का खुलासा होने पर नियोजन प्रक्रिया में पेंच फंस गया। जिस कारण जिला प्रशासन ने पंचायती राज विभाग से दिशा-निर्देश मांगा कि आखिर कौन से प्राप्तांक प्रतिशत को सही माना जाए? इस आलोक में विभाग ने निर्देश भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि बीकॉम के अंक पत्र में परीक्षाफल के लिए अंकित प्राप्तांक व पूर्णांक ही मान्य होंगे। विभाग से प्राप्त इस निर्देश के आलोक में अब काउंसि¨लग में बुलाने हेतु बीकॉम के कुल पूर्णांक के आधार पर प्रतिशत प्राप्तांक के आलोक में ही नए सिरे से अभ्यर्थियों की सूची तैयारी की जाएगी। हालांकि यह कार्य जिलास्तर पर प्रारंभ भी हो गया है। अब नए सिरे से अभ्यर्थियों की सूची तैयार हो जाने के बाद काउंसि¨लग हेतु फिर से तिथि का निर्धारण किया जाएगा। काउंसि¨लग के बाद मेधा सूची सह प्रतीक्षा सूची का निर्माण किया जाएगा। फिर मेधा सूची सह प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जाएगा। प्रमाण पत्रों का सत्यापन होने के बाद ही नियोजित किया जाएगा। प्रमाण पत्रों के सत्यापन हेतु अभ्यर्थियों से ही डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से सत्यापन शुल्क वसूल किया जाएगा।