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बायोफ्लॉक तकनीक का प्रशिक्षण लेने 90 मत्स्यपालक रवाना

मधुबनी। जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने मत्स्यपालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत मत्स्यपालन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिले के 90 मत्स्यपालकों को सोमवार को सुपौल भेजा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 11:06 PM (IST)
बायोफ्लॉक तकनीक का प्रशिक्षण लेने 90 मत्स्यपालक रवाना
बायोफ्लॉक तकनीक का प्रशिक्षण लेने 90 मत्स्यपालक रवाना

मधुबनी। जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने मत्स्यपालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत मत्स्यपालन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिले के 90 मत्स्यपालकों को सोमवार को सुपौल भेजा। जिला मुख्यालय से दो वाहनों को हरी झंडी दिखाकर डीएम ने उक्त मत्स्यपालकों को सुपौल के लिए रवाना किया। डीएम ने कहा कि मत्स्यपालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत मधुबनी जिले से 150 मत्स्यपालकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण सह दर्शन हेतु भेजा जाना है। इस आलोक में 90 किसानों को दो बसों के माध्यम से सोमवार को सुपौल भेजा गया है। ये सभी मत्स्यपालक 21 जनवरी को सुपौल में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह दर्शन कार्यक्रम में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में कई प्रगतिशील मत्स्यपालक मत्सि्यकी के क्षेत्र में विभिन्न तकनीक का प्रयोग कर मत्स्यपालन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। मत्स्यपालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम का उद्देश्य मत्स्यपालकों को मत्स्यपालन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों की जानकारी देना तथा प्रगतिशील मत्स्यपालकों के द्वारा मत्स्यपालन तकनीक तथा व्यावहारिक ज्ञान का आदान-प्रदान कराना है। इससे मधुबनी जिले के मत्स्पालक भी नवीनतम जानकारियों से अवगत होकर लाभान्वित हो सकते हैं। इससे जिले में मत्स्य उत्पादन में आशातीत वृद्धि होगी। मत्स्पालकों को नवीनतम तकनीक बायोफ्लॉक की जानकारी दी जाएगी। बायोफ्लॉक तकनीक से मत्स्य पालन सीमित क्षेत्र में कम आहार एवं पानी का उपयोग कर कम समय में अत्यधिक मत्स्य उत्पादन किया जा सकता है। बायोफ्लॉक तकनीक से जमीन की उपरी सतह को बिना रूपान्तरित किए मछली उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। रोजगार में सृजन किया जा सकता है। बायोफ्लॉक से राजस्व कोष भंडार पर कम भार पड़ेगा। व्यक्तिगत आमदनी के साथ ही राजकीय कोष में वृद्धि होगी। राज्य के विभिन्न जिलों में चौर, मन आ‌र्द्रभूमि के रूप में तालाब निर्माण करने का विशाल क्षेत्र है, जिसका विकास करने से मत्स्यपालक मत्स्य उत्पादन कर अपना आर्थिक स्थिति सु²ढ़ करेंगे। सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा। यहतकनीक सरकार के महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन हरियाली अभियान को सफल बनाने में भी सहयोगी साबित होगी। इस अवसर पर जिला मत्स्य पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी साध्वी प्रिया, सर्वोतम कुमार, सुजीत कुमार, चंदन कुमार, नवीन कुमार, अशोक कुमार, स्वाति कुमारी, राहुल कुमार आदि मौजूद थे।

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