सदर अस्पताल में चिकित्सकों के 58 प्रतिशत पद रिक्त, इलाज के लिए भटकते लोग
मधुबनी । सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की सूरत बदलने की धीमी गति से आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा से वंचित होना पड़ रहा है।
मधुबनी । सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की सूरत बदलने की धीमी गति से आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा से वंचित होना पड़ रहा है। हालांकि स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधारने की दिशा में विभागीय प्रयास चल रहा है, मगर, स्वास्थ्य केंद्रों के भवन और चिकित्सकों की कमी दूर करने की दिशा में अब तक के प्रयास संतोषजनक नहीं कहे जा सकते। नतीजा, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाओं के अभाव के कारण लोगों को निजी अस्पतालों व क्लिनिकों की सेवा लेना मजबूरी बनती जा रही है और इससे उनका आर्थिक शोषण बढ़ा है। खासकर, गरीब तबके के लोगों के लिए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव अक्सर जानलेवा साबित होता है। जिले के सबसे प्रमुख सदर अस्पताल में ही चिकित्सकों के करीब 58 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। ----------------- सदर अस्पताल में चिकित्सकों-कर्मियों का टोटा जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों के कई पद रिक्त हैं। इससे लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। सदर अस्पताल में फिजिशियन के चार में दो पद रिक्त हैं। जेनरल सर्जरी के तीन में सभी पद रिक्त हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ के आठ में सात पद रिक्त हैं। वहीं, मानसिक रोग विशेषज्ञ का एकमात्र पद रिक्त है। चर्म रोग विशेषज्ञ के दो में दोनों पद रिक्त हैं। जबकि, शिशु रोग विशेषज्ञ के चार में तीन पद रिक्त हैं। हालांकि, संविदा पर एक शिशु रोग विशेषज्ञ कार्यरत हैं। इएनटी के दो में एक पद रिक्त है। नेत्र रोग के दो में दोनों पद रिक्त हैं। रेडियोलाजिस्ट के पांच में सभी पद रिक्त हैं। माइक्रो बायोलॉजिस्ट का एकमात्र पद रिक्त है। पैथोलॉजिस्ट का एकमात्र पद रिक्त है। सामान्य चिकित्सक तथा मुख्य चिकित्सक 24 में 14 पद रिक्त है। दंत चिकित्सक का एक पद रिक्त है। पब्लिक हेल्थ मैनेजर का एक पद रिक्त है। आयुष फिजिशियन के सभी छह पद रिक्त हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ का एक पद रिक्त है। ए ग्रेड नर्स के 200 में से 30 पद रिक्त हैं। हास्पिटल वर्कर के 50 में से 29 पर रिक्त हैं। एसटीडी काउंसलर का दो पद रिक्त है। लैब टेक्नीशियन के सभी दस पद रिक्त हैं। एक्स-रे टेक्नीशियन के 12 में 11 पद रिक्त हैं। फार्मासिस्ट के दस में छह पद रिक्त हैं। फिजियोथेरेपिस्ट के दोनों पद रिक्त हैं। मेडिकल रेकॉर्ड टेक्नीशियन का दो पद रिक्त है। स्टाफ नर्स के सभी दस पद रिक्त हैं। ओटी सहायक के दस में नौ पद रिक्त हैं। वहीं, ड्रेसर के तीन पद के अलावा सदर अस्पताल में अन्य कर्मियों का पद वर्षो से रिक्त है। ------------------------- माडल अस्पताल में उन्नयन की गति धीमी : जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए पिछले माह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिले में 81 करोड़ की लागत से कुल 41 परियोजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास व उद्घाटन किया। जिसमें सदर अस्पताल का मॉडल अस्पताल के रूप में उन्नयन योजना के अलावा छह विधानसभा क्षेत्र में 30 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, छह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राघोपुर बलाट स्थित पारा मेडिकल प्रशिक्षण संस्थान सह छात्रावास का शिलान्यास व उद्घाटन शामिल है। सदर अस्पताल के मॉडल अस्पताल में उन्नयन से सुविधाएं बढ़ेंगी, लेकिन इस परियोजना की गति काफी धीमी है।
जिले में चिकित्सकों की कमी दूर करने की कोशिश : जिले में चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए पिछले माह तकनीकी सेवा चयन आयोग ने जिले में 137 नए चिकित्सकों के नियुक्ति की सूची जारी की थी। जिसमें 100 से अधिक नए चिकित्सकों ने जिले में सेवा देना शुरू कर दिया है। इन चिकित्सकों को सदर अस्पताल, एपीएचसी, पीएचसी, एसडीएच में तैनाती कर स्वास्थ्य सेवा सु²ढ़ किया गया है। मगर, अभी भी जिले में चिकित्सकों की भारी कमी बनी हुई है।
92 में मात्र 38 स्वास्थ्य केंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित : जिले के कुल 502 एपीएचसी एवं स्वास्थ्य उप केंद्र में से प्रथम चरण में 92 एपीएचसी एवं स्वास्थ्य उप केंद्र को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना पिछले वर्ष बनाई गई है। जिसमें अब तक जिले में 38 एपीएचसी एवं स्वास्थ्य उप केंद्र को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा सका है। जिले की 92 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रुप में विकसित करने के लिए तीन करोड़ 25 लाख 16 हजार 46 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी।