14 दिनों का क्वारंटाइन 24 घंटे में पूरा कर चले गए घर
मधुबनी। कोरोना से लड़ाई अनुमंडल क्षेत्र में गंभीरता से नहीं लड़ी जा रही है। चिकित्सकीय दल भले ही स्क्रीनिग का दावा करते हों।
मधुबनी। कोरोना से लड़ाई अनुमंडल क्षेत्र में गंभीरता से नहीं लड़ी जा रही है। चिकित्सकीय दल भले ही स्क्रीनिग का दावा करते हों। मगर, यह सब लक्षण के आधार पर ही है। इतना ही नहीं क्वारंटाइन एवं आईसोलेशन का भी मजाक बनकर रह गया है। यह स्थिति उन लोगों के लिए है जो बाहर से अनुमंडल क्षेत्र में आए हैं। जागरण ने पूरे अनुमंडल में इसकी पड़ताल प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से की। जानकारी मिली कि अब तक कुल 1788 लोगों की स्क्रीनिग हुई है। एक-एक कर स्थिति देखिए। लखनौर प्रखंड में कुल 454 स्क्रीनिग हुई है। मैवी पंचायत के म.वि. सोनबरसा में 18 एवं कोरियापट्टी विद्यालय में सात बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन के लिए रखा गया। अब बाहर से आए लोगों का खाना उनके अपने-अपने घर से उनके परिजन लेकर सोमवार की रात आए। प्रेम से खाना खिलाया और जूठा बर्तन उठाकर ले गए। इस स्थिति में क्या कोरोना वायरस को बढ़ने से तथा सामुदायिक फैलाव से रोक सकते हैं। इतना ही नहीं मंगलवार सुवह सोनबरसा विद्यालय से आठ लोग, जिसमें सात घोघरडीहा के परसा गांव के तथा एक ललमनिया के थे बैग उठाए और चलते बने। मंगलवार दोपहर बाद बाकी बचे दस लोग भी अपने अपने घर को चले गए। 14 दिन का क्वारंटाइन मात्र 24 घंटा की अवधि में पूरा कर लिया। झंझारपुर में सात सौ लोगों की स्क्रीनिग हुई है। इसमें सात से आठ लोग में सर्दी बुखार आदि के लक्षण थे। सभी लोगों का लोकेशन प्रशासन के पास है। यहां किसी क्वारंटाइन सेंटर में एक भी व्यक्ति नहीं है। अंधराठाढ़ी में अभी तक मात्र एक सौ के आसपास स्क्रीनिग हुई। यहां असामान्य जैसी बात नहीं है। मधेपुर में समाचार प्रेषण तक 534 लोगों की स्क्रीनिग हुई है। इसमें उ.म.वि. नवादा में तीन तथा म. वि. प्रसाद में तीन लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है। खाना तथा बिछावन इन लोगों का भी घर से आता है। उपर्युक्त तथ्यों की पुष्टि संबंधित प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारीयों ने की है।