मैथिली भाषा का जोड़ नहीं
राजनगर (मधुबनी), निप्र : प्रखंडाधीन पिलखवाड़ पछवारि टोल स्थित दुर्गा स्थान परिसर में बुधवार को दुर्गा सांस्कृतिक मंच के तत्वावधान में एक दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का आयोजन किया गया। डीआरडीए के निदेशक रंगनाथ चौधरी की अध्यक्षता व समाजसेवी भोगेन्द्र झा भोला के संचालन में आयोजित समारोह का उद्घाटन साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार उदयचन्द्र झा विनोद, पूर्व जिप अध्यक्ष सतीश चन्द्र मिश्र व डीआरडीए के निदेशक रंगनाथ मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
स्थानीय बालिकाओं के दल द्वारा मैथिली स्वागत गान- मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आएल.. की स्वागत गान की सुमधुर प्रस्तुति दी गई। जेएन कालेज के अवकाशप्राप्त प्रधानाचार्य डा. कुलधारी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि मिथिलांचल अपनी सभ्यता संस्कृति एवं विशिष्टता के लिए संपूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। मैथिली जैसी मृदुल भाषा का कोई जोड़ नहीं है। बतौर विशिष्ट अतिथि उदयचन्द्र झा विनोद ने कहा कि मिथिलांचल की चर्चा के बिना भारत वर्ष का इतिहास अधूरा है। उन्होंने मैथिली भाषा की वर्तमान दशा व दिशा को ले चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिति अत्यंत भयावह है। गांव घर से मैथिली विलुप्त हो रही है। ऐसी स्थितियों से न तो मैथिली का भला होगा न ही मिथिलांचल का। पूर्व जिप अध्यक्ष सतीशचन्द्र मिश्र ने कहा कि मिथिलांचल के इतिहास के बिना भारत वर्ष का इतिहास पूर्ण नहीं हो सकता। कवि कोकिल विद्यापति द्वारा सादगीपूर्ण जीवन शैली को जीने वाले देवाधिदेव महादेव की भक्ति से वर्तमान समाज को भी दलितों, पिछड़ों एवं गरीबों की सेवा किए जाने की प्रेरणा मिलती है। अध्यक्ष रंगनाथ चौधरी ने मिथिलांचल के इतिहास पर सविस्तार प्रकाश डाला। समारोह को संयोजक घूरन झा, डा. इन्द्रमोहन झा, सुभाषचन्द्र स्नेही, आनंद मोहन झा, ललित कुमार झा, भवनाथ मिश्र, मुखिया गुणानन्द यादव व रेखा मिश्रा, नीलांबर मिश्र, सुरेन्द्र ठाकुर, डा. विनयानन्द, कवि निशांत, कल्याण कुमार, सुनील कुमार झा, अजय मिश्र, प्रवीण कुमार झा, नीतीश कुमरा झा, राजेश झा आदि ने भी संबोधित किया। तत्पश्चात उपस्थित सांस्कृतिक दल द्वारा मैथिली भाषा पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
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