जिले में पूरा नहीं हो पाया जल संयंत्र का कार्य
मधेपुरा। जिले भर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना
मधेपुरा। जिले भर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना सरकारी स्तर पर बनायी गई थी। इसके लिए वार्ड स्तर पर जल संयंत्र भी स्थापित किया जाना था। जल संयत्र को स्थापित करने का कार्य जुलाई माह में पूर्ण कर पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन जल संयंत्र को स्थापित किए जाने के कार्य में लगाए गए एजेंसी के लेटलतीफी के कारण यह संयंत्र समय पर सभी वार्डों में स्थापित नहीं हो पाया।
मालूम हो कि जिले के मधेपुरा और मुरलीगंज नगर इकाई को छोड़ कर पूरे जिले के सभी 2242 वार्ड में नल का जल पहुंचाने की योजना बनायी गई थी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की इस योजना को पर्ण करने के लिए 74 कार्य एजेंसी को इसका जिम्मा करीब दो वर्ष पूर्व सौंपा गया था। लेकिन निर्धारित समय सीमा करीब करीब पूर्ण होने को है। लेकिन जल संयंत्र स्थापित करने का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। 600 करोड़ की है याोजना जिले के सभी 2242 वार्ड में स्वच्छ नल का जल पहुंचाने के लिए 600 करोड़ की योजना बनायी गई है। एक संयंत्र के स्थापित होने पर करीब 28 से 30 लाख रुपये की लागत आ रही है। इस योजना को जुलाई माह में पूर्ण कर हर घर नल का जल पहुंचाया जाना था। लेकिन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की लापरवाही और कार्य एजेंसी के मनमानी की वजह से ऐसा नहीं हो पाया है। अभी तक स्थापित हुए हैं 217 जल संयंत्र
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की लापरवाह कार्यशैली की वजह से जल संयंत्र को स्थापित करने में जुटी कार्य एजेंसी मनमाने तरीके से कार्य कर रही है। यही वजह है पूरे जिले में अभी 217 जल संयंत्र ही स्थापित हो पाया है। जबकि जुलाई माह तक जिले के सभी 2242 वार्ड में जल संयंत्र स्थापित किया जाना है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल संयंत्र को स्थापित करने में किस तरह की लापवाही बरती जा रही है।
कार्य एजेंसी लॉकडाउन का बना रही बहाना : जल संयंत्रों के निर्माण में जुटी कार्य एजेंसी निर्माण कार्य में हो रही देरी की मुख्य वजह लॉकडाउन को बता रही है। कार्य एजेंसी का कहना है कि लॉकडाउन के कारण संयंत्र को स्थापित करने वाला सामान नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से कार्य में देरी हो रही है। कार्य एजेंसी का कहना है कि अधिकांश सामान चीन से आता था। लेकिन कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से संयंत्र स्थापित करने वाला सामान नहीं मिल पा रहा है। कोट जुलाई माह तक सभी 2242 वार्ड में जल संयंत्र को स्थापित किया जाना था, लेकिन कार्य की धीमी गति के कारण अभी तक सिर्फ 217 जल संयंत्र ही स्थापित हो पाया है। ऐसे में निर्धारित समय पर लक्ष्य पूरा होना मुश्किल लग रहा है। -अनीश अफजल, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी