कोसी में शराब माफियाओं का मजबूत है नेटवर्क
मधेपुरा। कोसी व सीमांचल में शराब माफियाओं का एक बड़ा नेटवर्क है। पूरे क्षेत्र में शराब की सप्लाई को एक चेन बनाई गई है। प्रतिदिन लाखों रुपये की शराब कोसी व सीमांचल के विभिन्न इलाकों में छोटी-छोटी गाड़ियों से भेजी जाती है। इस नेटवर्क को पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ध्वस्त करने में नाकाम साबित हो रही है। यद्यपि छोटी-बड़ी कई खेप को पकड़ने में पुलिस कामयाब हुई है लेकिन इस नेटवर्क से जुड़े लोग अभी पुलिस की पहुंच से दूर है।
मधेपुरा। कोसी व सीमांचल में शराब माफियाओं का एक बड़ा नेटवर्क है। पूरे क्षेत्र में शराब की सप्लाई को एक चेन बनाई गई है। प्रतिदिन लाखों रुपये की शराब कोसी व सीमांचल के विभिन्न इलाकों में छोटी-छोटी गाड़ियों से भेजी जाती है। इस नेटवर्क को पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ध्वस्त करने में नाकाम साबित हो रही है। यद्यपि छोटी-बड़ी कई खेप को पकड़ने में पुलिस कामयाब हुई है, लेकिन, इस नेटवर्क से जुड़े लोग अभी पुलिस की पहुंच से दूर है।
पुलिस की चौकसी को देखते हुए शराब के कारोबार से जुड़े लोग तरह तरह के शराब भेजने का तरीका इजाद कर रहे हैं। भटगामा में गुरुवार को शराब फैक्ट्री का उजागर होने के बाद पुलिस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। लंबे समय से यहां नकली शराब बन रही थी। क्या पुलिस व उत्पाद विभाग इससे अनभिज्ञ थी। यहां से कोसी व सीमांचल इलाके में शराब भेजी जाती थी। पुलिस क्यों नहीं पकड़ पा रही थी। कोड के सहारे भेजी जाती है शराब क्षेत्र में कोड के सहारे शराब भेजी जाती थी। गम्हरिया में एक ट्रक जब्त शराब के साथ पकड़ा गया चालक ने पर्दाफाश किया है कि उसे एक कोड दिया गया था। कहा गया था यह कोड जो बताएगा उसे ही डिलीवरी देनी है। साथ ही रास्ते में भी कोई रोके तो उसे कोड बता देना है। चालक ने बताया कि जय गुरु नामक कोड के सहारे ही वह गम्हरिया तक पहुंचा था। इसी प्रकार अन्य कोड माफिया द्वारा दिया जाता है। कस्वाई इलाकों में है गहरी पैठ कोसी के प्रमुख शहरी इलाकों के साथ-साथ कस्बाई इलाकों में भी शराब माफियाओं का बड़ा नेटवर्क फैल चुका है। प्रतिदिन शराब की खेप पकड़े जाने के बावजूद शराब का यह खेल बदस्तूर जारी है। पुलिस प्रशासन व उत्पाद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इतनी सख्ती के बावजूद इन शराब माफियाओं का जाल गांव-गांव में फैल चुका है।
हर चौक चौराहे पर बिक रही है शराब शराब बंदी का असर अब धीरे-धीरे कोसी में खत्म होता जा रहा है। अवैध तरीके से शराब का कारोबार करने वाले लोगों की गहरी पैठ अब गांव- गांव में हो चुकी है। हर चौक चौराहे पर नेटवर्क के माध्यम से शराब बिक रही है। यह अलग बात है कि लोगों को इसकी चौगुनी कीमत अदा करनी पड़ रही है। जबकि पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम प्रतिदिन छापेमारी कर कुछ न कुछ शराब बरामद कर रही है।