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एसएफसी नहीं ले रहा चावल, कृषि साख समिति को हो रही लाखों की क्षति

मधेपुरा। किसानों से धान क्रय के बाद पैक्सों को चावल तैयार कर एसएफसी को देना था। सरकारी नि

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 11:46 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 11:46 PM (IST)
एसएफसी नहीं ले रहा चावल, कृषि साख समिति को हो रही लाखों की क्षति
एसएफसी नहीं ले रहा चावल, कृषि साख समिति को हो रही लाखों की क्षति

मधेपुरा। किसानों से धान क्रय के बाद पैक्सों को चावल तैयार कर एसएफसी को देना था। सरकारी निर्देश पर पैक्सों ने क्रय किए गए धान का चावल भी तैयार करा लिया है, लेकिन एसएफसी इस समय पैक्सों से चावल लेने को तैयार नहीं है। चावल नहीं लेने के कारण कृषि साख समिति को प्रति माह 20 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। वहीं पैक्सों ने किसानों से क्रय किए गए धान का भुगतान कर भी दिया है। भुगतान की गई राशि सहकारी बैंक से पैक्सों को कैश क्रेडिट के रूप में हुई थी। एसएफसी को चावल बेचने के बाद ही पैक्स बैंक की राशि वापस कर पाएगी। ऐसे में एसएफसी के चावल नहीं लेने के कारण किसानों की इस सहयोगी इकाई को प्रत्येक माह नुकसान हो रहा है। एसएफसी के कारण कृषि साख समिति को घाटा किसानों से घान क्रय करने को लेकर सहकारी बैंक सभी कृषि साख समिति को कैश क्रेडिट उपलब्ध कराया था। क्रैश क्रेडिट मिलने के बाद साख समिति ने किसानों से धान का क्रय कर उसका भुगतान भी कर दिया। जानकारी के अनुसार पूरे जिले में 127 साख समिति और तीन व्यापार मंडल ने किसानों से तीन लाख 80 हजार 213 क्विंटल धान की खरीद किया। खरीद किए गए धान का सरकारी निर्देश पर कृषि साख समिति ने दो लाख 56 हजार 20 क्विंटल चावल भी तैयार करा लिया। तैयार किया चावल एसएफसी को लेना है। लेकिन अभी यह चावल लेने को एसएफसी तैयार नहीं हो रही है। इस वजह से साख समिति को सहकारी बैंक को ब्याज के रूप में करीब प्रति माह 20 लाख रुपया देना पड़ रहा है। चावल के लिए गनी बैग देने में एसएफसी असमर्थ कृषि साख समिति से चावल लेने में एसएफसी गनी बैग (बोरा) के कमी के कारण असमर्थ साबित हो रही है। सरकारी निर्देश के मुताबिक एसएफसी को कृषि साख समिति को गनी बैग (बोरा) उपलब्ध कराना है। लेकिन एसएफसी इसके लिए तैयार नहीं है। एसएफसी का कहना है कि कृषि साख समिति गनी बैग का खुद इंतजाम कर चावल उपलब्ध कराए। लेकिन कृषि साख समिति (पैक्सों) के अध्यक्षों ने इसको लेकर राशि उपलब्ध कराने की बात कही है। पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि गनी बैग के खरीदने में जो राशि खर्च होगी उसका भुगतान एसएफसी कैसे करेगी। यह स्पष्ट किया जाए।

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लॉकडाउन के कारण नहीं मिला रहा गनी बैग कृषि साख समिति से चावल लेने में एसएफसी के समक्ष गनी बैग की कमी आड़े आ रही है। गनी बैग की कमी का मुख्य कारण लॉकडाउन के कारण उसकी आपूर्ति एसएफसी को नहीं हो पा रहा है। एसएफसी के अधिकारी का कहना है कि कोलकाता से गनी बैग की आपूर्ति होती थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण वहां फैक्ट्री बंद है। इस वजह से गनी बैग की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। कोट

कृषि साख समिति से गनी बैग की कमी के कारण चावल नहीं लिया जा रहा है। गनी बैग की आपूर्ति कोलकाता से होती थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण गनी बैग की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कृषि साख समिति के अध्यक्षों के बैठक कर समस्या को जल्द दूर किया जाएगा। -सत्येंद्र कुमार सिंह, जिला प्रबंधक

एसएफसी, मधेपुरा

एसएफसी द्वारा चावल नहीं लिए जाने के कारण प्रति माह लाखों रुपये का ब्याज पैक्सों को सहकारी बैंक को देना पड़ रहा है। पैक्सों को हो रहे नुकसान की दिशा में पहल कर जिला प्रशासन को बैंक का ब्याज माफ कराना चाहिए। -दीपक यादव, जिला अध्यक्ष

पैक्स अध्यक्ष संघ


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