सत्य को आत्मसात करना ही है सत्संग : स्वामी भागीरथ
संवाद सूत्र,बिहारीगंज(मधेपुरा): सच्चे मन से की गई भक्ति के बाद ही शक्ति मिलती है। ईश्वर की आ
संवाद सूत्र,बिहारीगंज(मधेपुरा): सच्चे मन से की गई भक्ति के बाद ही शक्ति मिलती है। ईश्वर की आराधना व मोक्ष प्राप्ति के लिए गुरू के बताए मार्ग पर चलने के बाद ही मंजिल मिल सकती है। गुरू के बिना ज्ञान संभव नहीं है। गुरू के सहारे ही मानव को ईश्वर से साक्षात्कार हो सकता है। उक्त बातें उच्च विद्यालय बिहारीगंज के खेल मैदान पर आयोजित 18 वां वार्षिक अधिवेशन के दौरान बीसवीं सदी के महान संत परामाराध्य महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के मानस पुत्र स्वामीभागीरथ दास जी महाराज ने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि योग, वियोग, हित व अहित, जन्म मरण जीवन का परम सत्य है। हर कर्मो का फल मनुष्यों को भुगतना पड़ता है। कर्म के अनुरूप हीं फल की प्राप्ति होती है। ईश्वर का स्वरूप एवं उसकी प्राप्ति के लिए अच्छे कर्म कर गुरू के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। क्योंकि 84 लाख योनियों में मनुष्य का शरीर सर्वश्रेष्ठ है। यह शरीर सर्वश्रेष्ठ के साथ क्षण भंगुर भी है। इसलिए लोगों को अच्छा कर्म करते हुए सत्संग और सत्यमार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। मौके पर कुप्पा घाट भागलपुर से पधारे संत स्वामी नंद, संजय दास, संत दयाल, विभीषानंद महाराज, स्वामी नाथो महाराज, बाबा दुखहरण महाराज, स्वामी धर्मानंद महाराज, भुवनेश्वर दास, गायक के रूप में बाबा कृष्णदेव, विजय मंडल, प्रो. शिवनन्दन कुमार, रोशन लाल राही, हरदेव पोद्दार, जीतेन्द्र यादव, सिहेंश्वर साह, सत्यनारायण यादव, डॉ. विजय मंडल, नागेश्वर साह, शंकर ठाकुर, शंकर ¨सह, गोवर्धन रजक, बीरबल साह, सच्चिदानंद साह उर्फ गांधी, मुकेश यादव सहित अन्य उपस्थित थे।