राशन में गड़बड़ी को ले ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी केंद्र पर किया हंगामा
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत मधुबन पंचायत के वार्ड संख्या आठ स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत मधुबन पंचायत के वार्ड संख्या आठ स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में टेकहोम राशन में गडबड़ी और अन्य शिकायत को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे प्रभारी सीडीपीओ सह अंचलाधिकारी विजय कुमार राय ने जांच का भरोसा दिलाकर लोगों को शांत कराया। प्रभारी सीडीपीओ ने कहा कि इस मामले में सेविका से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। जांच कर सेविका के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। आंगनबाड़ी केन्द्र पर हो हंगामा टीएचआर वितरण को लेकर किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि आंगनवाड़ी केंद्र के सेविका किरण कुमारी और सहायिका ¨रकी देवी के द्वारा कुपोषित महिला के बच्चे अतिकुपोषित महिलाओं के बच्चे और गर्भवती महिलाओं के बच्चे को मानक के अनुसार टीएचआर का वितरण नहीं किया जाता है। सबसे घटिया किस्म का दाल बच्चों को खिलाया जाता है एवं खाद्य सामग्री भी घटिया किस्म का रहता है। ग्रामीणों के शिकायत पर अंचलाधिकारी सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी विजय कुमार राय आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर केंद्र का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान दाल को घटिया बताया गया। सीओ ने बताया कि ग्रामीणों का मांग बिल्कुल जायज है। मानक के अनुसार कुपोषित महिलाओं के बच्चों को ढाई किलो चावल सवा किलो दाल साढ़े चार सौ ग्राम सोयाबीन दिया जाता है। अतिकुपोषित महिलाओं के बच्चों को चार किलो चावल, दो किलो दाल, आठ सौ 50 ग्राम सोयाबीन दी जाती है। गर्भवती धात्री महिलाओं को साढ़े तीन किलो चावल, ढाई किलो दाल, साढ़े चार सौ ग्राम सोयाबीन दी जाती है। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के द्वारा मानक के अनुसार टीएचआर का वितरण नहीं किया जा रहा है। जबकि महीनों में एक बार ही टीएचआर का वितरण किया जाता है। सीओ सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी विजय कुमार राय ने कहा कि इसकी जांच रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को भेजी जाएगी। वही आंगनबाड़ी सेविका किरण कुमारी और सहायिका ¨पकी देवी पदाधिकारियों को बताया कि गांव के कुछ लोग हमेशा परेशान किया करते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में गंदगी फैलाया जाता है। आंगनबाड़ी सेविका किरण कुमारी और सहायिका रिकी देवी ने पदाधिकारियों को जानकारी देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र अस्पताल भवन में चलाया जाता है। जबकि आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण आधा अधूरा पड़ा है।