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बिहारीगंज कुरसेला रेल लाइन फंसा भूमि अधिग्रहण का पेच

मधेपुरा। बिहारीगंज कुरसेला रेल लाइन भूमि अधिग्रहण नहीं हो पाने के कारण शुरू नहीं हो पाया है। इस परियोजना की स्वीकृति रेल मंत्रालय से वर्ष 2008-09 के बजट सत्र में दिया गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 02:55 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 02:55 AM (IST)
बिहारीगंज कुरसेला रेल लाइन फंसा भूमि अधिग्रहण का पेच
बिहारीगंज कुरसेला रेल लाइन फंसा भूमि अधिग्रहण का पेच

मधेपुरा। बिहारीगंज कुरसेला रेल लाइन भूमि अधिग्रहण नहीं हो पाने के कारण शुरू नहीं हो पाया है। इस परियोजना की स्वीकृति रेल मंत्रालय से वर्ष 2008-09 के बजट सत्र में दिया गया था। जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय से बिहारीगंज- रूपौली-कुरसेला के अलावे कोसी और सीमांचल के विकास के लिए कई रेल परियोजना का प्रस्ताव पारित किये थे। जिसमें बिहारीगंज-कुरसेला नई रेल लाइन को भी स्वीकृत किया गया था। इस परियोजना के अनुमानित लागत 192.56 करोड़ रुपये भी वर्ष 2008-09 स्वीकृत किए गए थे। इस रेल खंड की लंबाई करीब 57.35 किलोमीटर बताई जा रही है। इस रेल खंड के निर्माण को लेकर बिहारीगंज से कुरसेला तक के लिए प्रस्तावित रूप रेखा भी तैयार कसर ली गई थी। प्रस्तावित रूप रेखा के अनुसार 74 पुलों और 48 रेल सामापार फाटकों निर्माण होना था। यह रेलवे लाइन बिहारीगंज से धमदाहा, माधोपुर, सिरसा, कसमराह, दुर्गापुर, रूपौली, धूसर टीकापट्टी होकर कुरसेला तक पहुंचती ।

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सात फरवरी 2009 को हुआ था शिलान्यास : बिहारीगंज से कुरसेला के लिए रेल लाइन को स्वीकृति मिलने के बाद सात फरवरी 2009 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने पूर्णिया जिले के रूपौली में इस परियोजना का शिलान्यास किया था। शिलान्यास होने के बाद इस इलाके के लोगों में विकास के आशा की किरण जगी थी। लेकिन भूमि अधिग्रहण में आ रहे पेंच के कारण यह परियोजना शिलान्यास के 9 वर्ष बाद भी अटका हुआ।

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भूमि अधिग्रहण के पेंच लटका निर्माण कार्य : समस्तीपुर रेल मंडल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भू-अर्जन कार्य में आ रही अड़चन के कारण नई रेल लाइन निर्माण अधर मे लटका है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के लिए रेलवे ने वर्ष 2016-17 में 200 करोड़ की राशि मंजूरी दी थी। जिस कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में बिहारीगंज-कुरसेला नई रेल लाइन चालू होने की लोगों में उम्मीद जगी है।

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ललित बाबू का सपना था यह परियोजना : बिहारीगंज-कुरसेला रेलवे परियोजना तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र सपना था। कोसी के इस इलाके में वह रेलवे लाइन का जाल बिछाने की रूप रेखा तैयार कर चुके थे। बीतें वर्ष 03 जनवरी 1975 में समस्तीपुर में मृत्यु होने के बाद उक्त रेल परियोजना की फाइल अधर में लटकी हुई थी।

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बिहारीगंज-कुरसेला के बीच बड़ी रेल लाइन के निर्माण की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिल गई है। भूमि अधिग्रहण में कई तरह की अड़चन सामने आने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। प्रारंभिक चरण में तीन रेलवे स्टेशन और चार हॉल्ट बनाये जाने की परियोजना तैयार है। भूमि अधिग्रहण के बाद रेलवे बोर्ड से राशि मिलने पर प्रारंभिक कार्य कराया जायेगा।

अमित कुमार, उप मुख्य अभियंता (निर्माण)

पूर्व मध्य रेलवे, समस्तीपुर

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कोसी और सीमांचल में रेलवे के विकास के लिए प्रयासरत हूं। बिहारीगंज- कुरसेला प्रस्तावित नई रेल लाइन निर्माण में तेजी लाने के लिए कई बार रेलमंत्री से मिल चुका हूं। सांसद सत्र के दौरान इस परियोजना को जल्द चालू कराये जाने का मुद्दा उठाया गया है। लेकिन बिहार सरकार के द्वारा भूमि अधिग्रहण नहीं कराये जाने की वजह से परियोजना चालू नहीं हो पा रहा है।

राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव,

सांसद सह अध्यक्ष, रेल यात्री परामर्शदात्री समिति

(पूर्व मध्य रेल) समस्तीपुर


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