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सदर अस्पताल में नहीं प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था

मधेपुरा। पूरे विश्व में कोरोना के कहर से कराह रहा है। कोरोना के अभी तक कोई दवा नह

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 12:11 AM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 06:07 AM (IST)
सदर अस्पताल में नहीं प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था
सदर अस्पताल में नहीं प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था

मधेपुरा। पूरे विश्व में कोरोना के कहर से कराह रहा है। कोरोना के अभी तक कोई दवा नहीं मिलने से प्रतिदिन हजारों जाने जा रही हैं। वहीं, बढ़ती गर्मी के कारण देश में इस मौसम में होने वाले डेंगू की भी आशंका बनने लगी है। वहीं इसके तहत विश्व डेंगू दिवस पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव को लेकर लोगों को ऑनलाइन जागरूक का संदेश लोगों तक पहुंचे इसकी तैयारी की जा रही है। साथ ही डेंगू का मौसम आने से पहले स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जांच कीट एवं आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु बीएमएसआइसीएल को पत्र भेजा गया है। इस बावत जिला वेक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि गत वर्ष जिले के डेंगू पीड़ित 45 मरीज इलाज के बाद पूर्ण स्वास्थ्य होकर घर गए थे। एक भी डेंगू मरीज की मौत नही हुई थी। उन्होंने बताया कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर साफ जमा में भी पनप जाता है। क्या हैं डेंगू का लक्षण डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू के लक्षण शरीर पर तुरंत दिखने लगते है। पीड़ित मरीज को शरीर में तेज दर्द, तेज बुखार के साथ साथ चेहरे पर लाल लाल दाना निकल आता है और प्लेटलेट काफी कम हो जाता है। डेंगू की शिकायत लेकर अस्पताल आने वाले मरीजों का पहले जांच कीट से जांच कर पड़ताल की जाती है कि सही में डेंगू पीड़ित है या नही। जांच में डेंगू का लक्षण मिलने पर वैसे मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि डेंगू के गंभीर मरीज को दरभंगा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। क्योंकि सदर अस्पताल में प्लेटलेट चढ़ाने की सुविधा उपलब्ध नही है।

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क्या है बचाव के उपाय डेंगू से बचाव को लेकर लोगों को अपने घर में लगे कूलर के पानी को प्रत्येक दो दिन पर बदलते रहना चाहिए, घर के आस पास फूल के गमले, गाड़ियों के टायर सहित अन्य जगहों पर पानी जमा नही हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि जमा पानी से ही डेंगू का मच्छर पैदा होता है। उन्होंने बताया कि माह जुलाई से नवम्बर तक डेंगू का प्रभाव रहता है। उसके बाद उसका प्रभाव धीरे धीरे कम होने लगता है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में दो बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है। ताकि डेंगू पीड़ित मरीज को उस वार्ड में रख इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि डेंगू की दवा अस्पताल में उपलब्ध है। दवा कम नही हो इसके लिए सिविल सर्जन के माध्यम से आवश्यक दवा और डेंगू जांच कीट उपलब्ध कराने को लेकर बीएमएसआईसीएल को पत्राचार किया गया है।


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