मोहमाया को त्यागने के बाद ही मिलेगा बैकुंठ : नारायण
मधेपुरा। यज्ञ लोक कल्याण के लिए होना चाहिए। जनकल्याण और राष्ट्र निर्माण एवं सुधार के लिए य
मधेपुरा। यज्ञ लोक कल्याण के लिए होना चाहिए। जनकल्याण और राष्ट्र निर्माण एवं सुधार के लिए यज्ञ हो तो वहीं यज्ञ सफल होता है क्योंकि उस यज्ञ में परमात्मा स्वयं खड़े रहकर यज्ञ मे पूर्णाहुति देकर उसे सफल बनाते हैं। यज्ञ अगर निजी स्वार्थ के लिए किया जाए तो वह कभी सफल नहीं होता है। उक्त अमृतवाणी सर्वधर्म समन्वय सनातन भागवत परिवार वृंदावन के सौजन्य से प्रखंड अंतर्गत सपरदह पंचायत के कड़ामा स्थित विषहरा मंदिर परिसर में बीते तीन दिसंबर से आयोजित दस दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन प्रवचन के दौरान वृंदावन से आए कथावाचक सरल संत नारायण दास महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि जिसकी निष्ठा भगवान की कथा सुनने में है। उसे जीवन के जन्म-मरण से मुक्ति मिलना तय है। व्यस्त जीवन शैली में लोगों को जब भी मौका मिले उसे भगवान के कथा का श्रवण करनी चाहिए। लोग जो भी चीज अर्जित करते हैं, वे सारी की सारी यहीं धरी रह जाती है। मनुष्य के किये गये सुकर्म और भगवान के भक्ति में बिताए समय ही उसके साथ जाता है। इसलिए मनुष्यों को आत्मिक शांति के लिए भागवत कथा का श्रवण करनी चाहिए। भागवत कथा के श्रवण से पापों से मुक्ति मिलती है।सत्य की राह पर चलकर ही मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। मुक्ति का एक मात्र साधन मोक्ष की प्राप्ति है।इसके अलावे अन्य संत-महात्माओं के संगीतमय भजन व कीर्तन की प्रस्तुति पर उपस्थित महिला व पुरूष श्रद्धालु जहां जमकर आनंद उठाया। वहीं प्रति दिन भागवत कथा, राम कथा, शिव कथा के अलावा राधा-कृष्ण,शिव-पार्वती के प्रसंगों पर आधारित झांकियों को देख श्रद्धालु दंग रह गए। ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन बुधवार को काफी भक्ति भावना के बीच वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूर्णाहुति दिए जाने के उपरान्त उसका समापन किया गया। यहां आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ मे काफी संख्या में महिला व पुरूष श्रद्धालुओं द्वारा प्रत्येक दिन भागवत कथा के अमृत वाणी का श्रवण कर आनंद लिया गया। यज्ञ के सफलतापूर्वक समापन में सर्वधर्म समन्वय सनातन भागवत परिवार के सदस्यों सहित दर्जनों ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।