फर्जी पैथोलॉजी की भारमार, नहीं हो रही कार्रवाई
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैये के कारण फर्जी पैथोला
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैये के कारण फर्जी पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा है। जहां नियम-कायदों को ताक पर रखकर पैथोलॉजिस्ट की जगह अप्रशिक्षित कर्मचारियों के सहारे रोगियों के खून सहित अन्य प्रकार की जांच की जाती है। इधर कुछ माह से क्षेत्र में डेंगू और टाइफाइड की कहर से लोग परेशान होकर चिकित्सक के यहां पहुंच रहे हैं। जहां कई तरह की जांच कराने की सलाह दी जाती है। जांच के नाम पर पैथोलॉजी संचालक रोगी के परिजनों से मनमना शुल्क वसूलते हैं। वहीं रोगी को सहीं जांच रिपोर्ट की गारंटी भी नहीं रहती है। एक ही दिन तीन पैथलॉजी से जांच के दौरान अलग-अलग रिपोर्ट बड़ी बातें नहीं है। सवाल उठता है कि चिकित्सक लैब के रिपोर्ट के आधार पर दवाईयां लिखते हैं। गलत जांच रिपोर्ट से रोगी को उचित दवाइयां नहीं मिल पाने से बीमारी गंभीर होने व जान जाने की खतरा बन जाता है। इधर कुछ माह से अनुमंडल क्षेत्र में बड़ी संख्या में पैथोलॉजी लैब खुली है। जहां अधिकांश पैथोलॉजी लैब संचालकों के पास न तो विभागीय अनुमति है और न ही जांच के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी मौजूद है। कई लैब की हालत भी दयनीय स्थिति में है। विभागीय नियमानुसार पैथोलॉजी संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग की अनुमति तथा प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन व सुविधाएं होना आवश्यक है। लेकिन अधिकांश पैथलॉजी में नियमों को ताक पर रखकर लैब संचालान किए जाने की बातें चर्चा में है। यदि इसकी विभागीय स्तर से जांच की जाती है, तो सारा खुलासा उजागर होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
------------------------
जिले में संचालित पैथौलॉजी लैब का जांच की जाएगी। जांचोपरान्त बिना अनुमति के लैब का संचालन करने की पुष्टि होने पर संचालक के विरूद्ध विभागीय नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सुभाषचंद्र श्रीवास्तव
सिविल सर्जन, मधेपुरा