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मानक से कम वेतन पर काम कर रहे हैं बीएड संस्थान में शिक्षक

मधेपुरा। बीएन मंडल विश्वविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत चलने वाले बीएड संस्थानों में हाईकोर्ट, राजभवन, राज्

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 06:52 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 06:52 PM (IST)
मानक से कम वेतन पर काम कर 
रहे हैं बीएड संस्थान में शिक्षक
मानक से कम वेतन पर काम कर रहे हैं बीएड संस्थान में शिक्षक

मधेपुरा। बीएन मंडल विश्वविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत चलने वाले बीएड संस्थानों में हाईकोर्ट, राजभवन, राज्य सरकार एवं विवि आदेशों की धज्जियॉ उड़ रही है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार बीएड छात्रों से शुल्क तो वसूली जाती लेकिन शिक्षकों एवं कर्मचारियों को निर्धारित वेतन नहीं दिए जा रहे हैं।

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क्या है मामला:

बीएन मंडल विवि क्षेत्रान्तर्गत लगभग एक दर्जन अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों में बीएड कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। करीब सभी संस्थानों में बीएड शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों से बीएड प्रबंधन की ओर से आर्थिक शोषण किया जा रहा है। अंगीभूत महाविद्यालयों में भी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को निर्धारित एवं नियमानुकूल वेतन नहीं दिया जा रहा है। वहीं निजी बीएड कॉलेजों का तो भगवान ही मालिक है।

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क्या है हाई कोर्ट का आदेश:

प्राइवेट कॉलेज बीएड प्रबंधन ने उच्च न्यायालय में विवि एवं सरकार पर सीडब्लूजेसी नंबर 10534/17 मामला दायर किया कि मात्र एक लाख पांच हजार रुपये ही शुल्क लेने का आदेश राज्य सरकार एवं विवि प्रशासन ने दी है। जबकि इससे शिक्षकों एवं कर्मचारियों का भुगतान भी नहीं हो सकता है। ऐसे में कॉलेज कैसे चलाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने 20 जून, 2018 को आदेश दिया कि सभी बीएड संस्थान छात्रों से दोनों वर्ष मिलाकर एक लाख 50 हजार रुपये लेंगे। साथ ही कोर्ट ने संबंधित वाद में फैसला सुनाया कि शिक्षकों को 15600 के मूल वेतन में 142 प्रतिशत डीए के साथ लगभग 52 हजार रुपये तथा विभागाध्यक्ष को 75 हजार महीने के नियत वेतन देने का फैसला सुनाया। वहीं कोर्ट ने शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 20 हजार प्रतिमाह नियत वेतन देने का फैसला सुनाया। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि एक बीएड कॉलेज में 15 शिक्षक, एक विभागाध्यक्ष एवं आठ शिक्षकेत्तर कर्मचारी होंगे।

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सरकार, राजभवन एवं विवि का क्या है आदेश:

बताते चलें कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के निदेशक, शोध एवं प्रशिक्षण, विनोद कुमार ¨सह ने 20 सितम्बर, 2018 को राज्य के सभी कुलसचिवों को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। वहीं राज्यपाल के प्रधान सचिव एवं ओएसडी (विधि) ने भी क्रमश: 24 अक्टूबर, 2018 एवं 30 जुलाई, 2018 के द्वारा विवि प्रशासन को पत्र लिखकर कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं बीएन मंडल विवि प्रशासन ने भी उपरोक्त समेकित आदेशों के अनुरूप सभी बीएड संचालित संस्थानों एवं कॉलेजों को 24 अक्टूबर, 2018 के द्वारा संबंधित न्यायादेश का पालन करने का निर्देश दिया। लेकिन बीएड संस्थान एवं कॉलेज सभी आदेशों/निर्देंशों को नजरअंदाज कर अपने हिसाब से ही प्रबंधन चला रहे हैं। अंगीभूत महाविद्यालयों में संचालित बीएड कॉलेजों में शिक्षक को 52 हजार की जगह मात्र 27 हजार एवं विभागाध्यक्ष को 75 हजार की जगह लगभग 48 हजार ही वेतन भुगतान कर रहे हैं।

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कोट

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उच्च न्यायालय, राजभवन एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार बीएड कॉलजों एवं निजी बीएड कॉलेजों का निरीक्षण किया जा रहा है। जो संस्थान नियम, परिनियम, अधिनियम एवं न्यायादेश का अनुपालन नहीं करेंगे। उनके संबंधन रद करने की कार्रवाई की जाएगी।

प्रो.(डॉ.) अरूण कुमार यादव

महाविद्यालय निरीक्षक

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