गँरीबों के लिए विनोबा ने किया था भूदान आंदोलन
मधेपुरा। मुरलीगंज कमलेश्वरी यदुनंदन डिग्री महाविद्यालय में आचार्य विनोबा भावे की जयंती समारोह
मधेपुरा। मुरलीगंज कमलेश्वरी यदुनंदन डिग्री महाविद्यालय में आचार्य विनोबा भावे की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। महाविद्यालय ने इस अवसर पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता मदन कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर मानववादी जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो.फिरोज मंसूरी ने विनोबा भावे और भारतीय समाज विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा की बिनोबा भावे ने हृदय के विभाजन को भूमि विभाजन से अधिक खतरनाक कहा था। इस तरह उन्होंने भारत के विभाजन पर सवाल खड़ा कर दिए। सचमुच आज अगर भारत का विभाजन नहीं होता तो दुनियां की सबसे बड़ी शक्ति भारत ही होता। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आचार्य विनोबा भावे ने गरीबों के लिए भूदान आंदोलन की स्थापना की। उसी तरह की आन्दोलन आज देश की आवश्यकता है। भूमिसुधार बिल पास करना आवश्यक है। भूदान की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा है। अगर भूदान की जमीन कब्जा मुक्त करा ली जाय तो बिहार में गरीबी रेखा से नीचे आने वालों भूमिहीन को छह डिसमिल जमीन दी जा सकती है। आचार्य को इससे बेहतर श्रद्धांजलि नहीं दी सकती। महाविद्यालय के सचिव मदन कुमार यादव ने कहा कि गरीबों के प्रति विनोबा का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। महाविद्यालय ने निर्णय लिया है कि महाविद्यालय परिसर में उनकी पुण्य तिथि 15 नवम्बर को आचार्य विनोबा का आदम कद प्रतिमा स्थापित की जाएगी। रंजित कुमार रमन ने कहा कि विनोबा भावे के जीवनी को महाविद्यालय के सेलेबस में पढ़ाना चाहिए। ताकि नई पीढ़ी तक उनके विचार पहुंचे। परिचर्चा को प्रो.भानू प्रताप, मंटू झा, रतन कुमार, श्याम कुमार, मोतीउर्रहमान, यूगल मंडल, गणेश पासवान, मु. इब्राहिम, प्रो.पंकज कुमार, प्रभाकर कुमार, प्रो. करण मराण्डी, ओमप्रकाश, मनोज चौपाल, उदय कुमार, चन्दन कुमार, आफताब आलम, माला कुमारी, सावित्री देवी, श्याम लाल मुर्मू, अफसाना खातून, देवकिशोर हांसदा, सुभकरण कुमार, रविन्द्र राम, मु.करीम, सुखदेव राम, रामजीवन निषाद, रणवीर मिश्रा सहित अन्य मौजूद थे।