चलंत अदालत में किया गया मामलों का निपटारा
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज प्रखंड कार्यालय परिसर में बुधवार को विधिक जागरूकता सह मोबाइल लोक अद
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज प्रखंड कार्यालय परिसर में बुधवार को विधिक जागरूकता सह मोबाइल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इसमें अनुमंडल क्षेत्र के अधिकारी और फरियादी पहुंचे। चलंत लोक अदालत में सुलहनामा के आधार पर दर्जनों मामलों का निष्पादन किया गया। वहीं सभी अंचल के दाखिल खारिज वाद का निपटारा हुआ। मौके पर पटना हाई कोर्ट द्वारा गठित न्यायिक सदस्य अंसारी ने लोक अदालत के फायदे और न्याय पाने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि लोक अदालत न्याय पाने का सुलभ साधन है। इसका फायदा उठाकर कर लोग दौर भाग और आर्थिक परेशानी से बच सकते हैं। इसके लाभ लेने के आसान तरीका है। इसके लिए लोगों में जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1976 ई. में 42 वें संशोधन के द्वारा भारत के संविधान में 38 को जोड़ा गया। इसके द्वारा शासन से अपेक्षा की गई कि आर्थिक और अक्षमताओं के कारण भारत का कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित नहीं रह जाए। इस उद्देश्य कि पूर्ति के लिए सबसे पहले 1980 में केंद्र सरकार के निर्देश पर पूरे देश में कानूनी सहायता बोर्ड की स्थापना की गई। बाद में इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए भारत सरकार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 पारित किया गया। यह अधिनियम नौ नवंबर, 1995 को लागू हुआ। उन्होंने कहा कि विधिक सहायता प्राप्ति के इच्छा रखने वाले कोई व्यक्ति संबंधित क्षेत्र के विधिक सेवा समिति के संबोधन आवेदन कर सकते हैं। मौके पर बीडीओ मुर्शिद अंसारी, सीओ विजय कुमार राय, थाना के एसआई संतलाल सिर्फ, पूर्व प्रमुख विकास चंद्र यादव, मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष अब्दुल अहद, राजद प्रखंड अध्यक्ष मु. अली, सरपंच प्रतिनिधि सनोज मंडल, हीरा प्रसाद ¨सह, राजेश कुमार, अभिषेक, संजीव, राकेश रोशन, सियाराम महतो, मुकेश कुमार ¨सह, पवन कुमार यादव, अनिल मंडल, बेचन ऋषिदेव, गुड्डू आदि मौजूद थे।