Bihar Election: अपनों से घिरी राजद के सामने जदयू का नया तीर, बागी बढ़ा रहे रोमांच
मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि के लिए जाना जाता है। 1990 में मंडल कमीशन के समय यह क्षेत्र चर्चा में आया था। इस बार राजद ने प्रो. चंद्रशेखर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि जदयू ने गैर-यादव महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। राजद में प्रणव प्रकाश बागी हैं, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फाइल फोटो)
प्रकाश वत्स, मधेपुरा। कोसी व सीमांचल ही नहीं राष्ट्रीय राजनीति तक मधेपुरा की गूंज पहुंचती रही है। मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र के मुरहो गांव को राजनीति के बड़े-बड़े बांकुरे सलाम ठोकते हैं। सन 1990 में मंडल कमीशन का उफान देश का ध्यान बरबस ही इस गांव ने खींचा था।
स्व. भूपेंद्र नारायण मंडल ने समाजवाद की उस धारा को जिंदा कर दिया था, जो मृतप्राय हो चली थी। इस धारा ने कांग्रेस की नाव को भी भंवर में खड़ा कर दिया था। इस धारा को बदरंग करने का भी प्रयास किया गया।
जातीय संघर्ष की आग इलाके में लगाई गई, लेकिन माटी की खूबी उस पर भारी पड़ी। स्व. भूपेंद्र नारायण ने जिस शुचिता से इसकी नींव रखी थी, उसका असर रंग लाया। प्रचार में भी इसकी गूंज रहती है और उस नाम से चुनावी नैया पार कराने की अंतिम कोशिश भी होती है।
प्रत्याशी चयन में राजद व जदयू का निर्णय चौकाने वाला
मधेपुरा में विधानसभा चुनाव का एक रंग प्रत्याशी का चयन भी है। नामांकन की अंतिम रात राजद कार्यकर्ताओं का रतजगा हुआ था। अधिकांश कार्यकर्ता शांतनु यादव उर्फ शांतनु बूंदेला के प्रत्याशी बनने की सूचना पर सोने गए थे, लेकिन आधी रात से फोन पर अलग ही सूचना आने लगी थी।
राजद ने अपने दो बार के विधायक सह पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को अपना प्रत्याशी बना दिया था। यह निर्णय हलचल वाला इसलिए भी था कि शांतनु बूंदेला पूर्व केंद्रीय मंत्री सह प्रखर समाजवादी स्व. शरद यादव के पुत्र हैं। राजद नेता प्रणव प्रकाश भी इस कतार में थे और फिर नाराजगी में अब बागी हैं।
राजद के पूर्व मंत्री के सामने जदयू ने जो प्रत्याशी उतारा है वह भी चौकाने वाला है। जदयू ने स्व. भूपेंद्र नारायण मंडल के पौत्र सह गत चुनाव के प्रत्याशी निखिल मंडल की बजाय एक गैर यादव महिला को यहां उतारा। बिना जातीय प्रत्याशी के यादव वोट में पकड़ को परखने का एक नया प्रयोग यहां किया गया।
हर तरफ हैं भंवर, किनारा नहीं आसान
स्व. भूपेंद्र यादव मंडल के पुत्र मनींद्र कुमार मंडल उर्फ ओम जी ने सन 2005 में इस सीट पर जदयू को पहली व अंतिम जीत दिलाई थी। बाद के चुनाव में उनके पुत्र निखिल मंडल को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया।
पूर्व विधायक ओम भी मानते हैं कि इस बार का चुनाव अलग है। इधर जदयू ने इस बार नया प्रयोग किया है। वे इस बात से नाखुश नहीं हैं कि निखिल मंडल को टिकट नहीं मिला। एक सवाल मन में जरूर है कि क्या जदयू का यह निर्णय बेहतर अंजाम लेकर आएगा।
वैसे राजद प्रत्याशी के घर में भी बहुत फेरा है। राजद के प्रणव प्रकाश बागी के रूप में मैदान में हैं। प्रणव प्रकाश लोकसभा चुनाव के बाद ही संगठन में रहकर भी विधायक सह पूर्व मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ मुहिम में जुटे हुए थे। तेजप्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल ने इस बार संजय यादव को मैदान में उतारा है। जनसुराज से शशि यादव मैदान में हैं।
आम आदमी पार्टी से मुकेश कुमार यादव मैदान में हैं। एक यादव जाति के उपप्रमुख भी मैदान में हैं। राजद की नाव के लिए संयुक्त रुप से यह बड़ी छेद साबित हो सकती है। मधेपुरा बाजार में मिले प्रो. मुकेश यादव ने कहा कि जदयू का प्रयोग भी अग्निपरीक्षा वाला है। निखिल कुमार के प्रत्याशी रहने से यादव वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी होती थी।
जदयू के लिए इसे बरकरार रखना बड़ी चुनौती है। इलाके का जातीय समीकरण अंतत: जीत हार का पैमाना बनता है। यद्यपि जदयू प्रत्याशी कविता साह फिलहाल मधेपुरा नगर निगम की मुख्य पार्षद है। शहर में उनकी सक्रियता पूर्व से रही है।
तेज प्रताप के शोर की भी चर्चा
मधेपुरा बस पड़ाव पर मिले ई. शशि भूषण कुमार ने बताया कि यहां तेजप्रताप की पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है। वे चुनाव प्रचार के लिए यहां आ भी चुके हैं। जिस समय वे यहां सभा को संबोधित कर रहे थे, उसी समय उनकी सभा के सामने से राजद प्रत्याशी प्रो. चंद्रशेखर का वाहन गुजरा।
बस क्या था, तेजप्रताप के भाषण की दिशा बदल गई। कहने लगे यह देखिए, यह बिहार के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। खूब घोटाला किया है। भीड़ की हंसी छूट गई। इसकी गूंज हर तरफ है। इस पर लोग मजे भी ले रहे हैं, लेकिन पिता की विरासत पर इसे अधिकार की दस्तक भी कहा जा रहा है।
लंबे समय तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व प्रखर समाजवादी सह अंत समय में राजद में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद प्रसाद यादव का जंग सुर्खियां पाई थी।
इंजन कारखाना व फ्लाई ओवर भी चर्चा में
इस विधानसभा क्षेत्र में मधेपुरा प्रखंड के साथ-साथ घैलाढ़, गम्हरिया व मुरलीगंज के प्रखंड की पंचायतें भी शामिल है। जिला मुख्यालय की बढ़ रही रौनक सभी को प्रभावित भी कर रही है। कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं और जंग का स्वरूप अब हर घंटे साफ भी होने लगी है।
गम्हरिया के रघुनंदन महतो ने कहा कि विकास खूब हुआ है। मधेपुरा में रेल इंजन का कारखाना लगा है। शहर को भीड़ से बचाने के लिए तैयार हो रहे फ्लाई ओवर भी उन्हें आकर्षित करता है। मधेपुरा के प्रथम विधायक रहे स्व. भूपेंद्र नारायण मंडल के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय मधेपुरा की शान अलग ही बढ़ा रहा है।
जातीय समीकरण
जाति - फीसद
यादव- 27
मुसलमान- 12
महादलित- 12
अन्य महादलित- 08
वैश्य- 11
कोयरी- 02
कुर्मी- 06
राजपूत- 06
मल्लाह- 05
अन्य पिछड़ा- 05
भूमिहार एवं कायस्थ- 01
मतदाताओं की संख्या-
कुल मतदाता- 345705
पुरुष मतदाता- 179889
महिला मतदाता- 164980
अन्य- 12
सर्विस वोटर- 466
चुनाव परिणाम- 2020
चंद्रशेखर- राजद - 79839
निखिल मंडल - 64767
राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव - 26462

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