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छात्रावास में छात्र की हत्या होना जघन्य अपराध : किशोर

प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष किशारे कुमार ने गम्हरिया प्रखंड के एक स्कूल में छात्र सत्यम की हत्या पर शोक जाहिर किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 12:03 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 12:03 AM (IST)
छात्रावास में छात्र की हत्या होना जघन्य अपराध : किशोर
छात्रावास में छात्र की हत्या होना जघन्य अपराध : किशोर

मधेपुरा। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष किशारे कुमार ने गम्हरिया प्रखंड के एक स्कूल में छात्र सत्यम की हत्या पर शोक जाहिर किया है। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि सेंट माइकल स्कूल गम्हरिया हमारे संगठन का सदस्य कभी नहीं रहा है। विद्यालय को जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से प्रस्वीकृति भी प्राप्त नहीं है। बिना प्रस्वीकृति का विद्यालय संचालन करना जांच का विषय है। विद्यालय के छात्रावास में बच्चे की हत्या होना एक जघन्य अपराध है। इस घटना की हम कड़ी भ‌र्त्सना करते हैं। जल्द ही संगठन का एक शिष्टमंडल गम्हरिया पहुंचकर मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करेगा शीर्ष पदाधिकारी को अवगत कराएगा। हमारा संगठन जिला पुलिस प्रशासन से मांग करती है कि घटना का निष्पक्ष जांच हो व दोषी को स्पीडी ट्रायल चला कर कठोर से कठोर सजा दी जाए। साथ ही राज्य सरकार से प्राइवेट स्कूल्स एंड ल्डेऊन वेलफेयर एसोषिएसन मांग करती है कि पीड़ित परिवार को दस लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। संगठन के सचिव चंद्रिका यादव, संयोजक चिरामणी प्रसाद यादव, प्रवक्ता मानव कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिंहा, मीडिया प्रभारी सुशील सांडिल्य, मधेपुरा प्रखंड अध्यक्ष श्यामल कुमार सुमित्र, राजेश कुमार, मनोज कुमार, गम्हरिया प्रखंड अध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह, अरविद कुमार प्रभाकर, गंगाराम मेहता, रमेश कुमार व अन्य ने शोक संवेदना प्रकट किया है। टीपी कॉलेज के निविदा में गड़बड़ी की शिकायत

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बीएन मंडल विवि अंतर्गत टीपी कॉलेज में निकाले गए टेंडर में गड़बड़ी को लेकर विवि संवेदक सौरभ कुमार ने राज्यपाल को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि टीपी कॉलेज के निविदा में घोर धांधली की गई है। विश्वविद्यालय से बिना पंजीकृत संवेदक को नियम-परिनियम के विरूद्ध निविदा दिया गया है। इस निविदा में मात्र तीन संवेदक ने भाग लिया और इसमें दो संवेदक विवि से पंजीकृत नहीं है। निविदा में दूसरे संवेदक जो विश्वविद्यालय में पंजीकृत भी नहीं है, उसे चुन कर वर्क ऑडर तक दे दिया गया है। इस पर सौरभ ने उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की है।


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