क्रियाशीाल साक्षरता केंद्र का किया गया शुभारंभ
मधेपुरा। विद्यादान महादान है। हम अपने ज्ञान को जितना बांटते हैं, उतना ही बढ़ता है। हमें हम
मधेपुरा। विद्यादान महादान है। हम अपने ज्ञान को जितना बांटते हैं, उतना ही बढ़ता है। हमें हमेशा ज्ञान बांटने के लिए तत्पर रहना चाहिए। यह बात प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कही। वे शनिवार को विश्व साक्षरता दिवस पर क्रियाशील साक्षरता सह प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन कर रहे थे। यह केंद्र विश्वविद्यालय प्रेक्षागृह के बरामदे पर सभी कार्य दिवस में अपराह्न चार से पांच बजे तक कार्य करेगा। प्रति कुलपति ने कहा कि इस केन्द्र का उद्देश्य विश्वविद्यालय के कर्मियों की कार्य दक्षता को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम जन सहयोग से चलाया जाएगा और इसमें चयनित शिक्षकों एवं कर्मचारियों की स्वेच्छिक सेवा ली जाएगी।उन्होंने कहा कि समाजोपयोगी शिक्षा ही सच्ची शिक्षा है। ऐसी शिक्षा समाज परिवर्तन का औजार बनती है। शिक्षा के जरिए ही समाज एवं राष्ट्र में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। इस अवसर पर कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार ने कहा कि शिक्षण-प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है। हमें निरंतर अपनी योग्यता एवं क्षमता का विकास करते रहना चाहिए। इस अवसर पर वित्त परामर्शी सुरेश चंद्र दास, डॉ. दीनानाथ मेहता, डॉ. विमल सागर, डॉ. प्रज्ञा प्रसाद, डॉ. बीएन यादव, डॉ. रामानंद ¨सह, शैलेन्द्र कुमार यादव, कमल किशोर, राजेश कुमार, विमल कुमार, योजन ठाकुर, ललन यादव, मु. इरशाद, भूपेन्द्र मुखिया आदि उपस्थित थे।