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मंदिर न्यास ही बाबा मंदिर को लगाती रही लाखों का नुकसान

मधेपुरा। सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति ही छह सालों से प्रतिवर्ष तकरीबन 40 लाख रुपये का नुकसान ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 12:50 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:13 AM (IST)
मंदिर न्यास ही बाबा मंदिर को लगाती रही लाखों का नुकसान
मंदिर न्यास ही बाबा मंदिर को लगाती रही लाखों का नुकसान

मधेपुरा। सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति ही छह सालों से प्रतिवर्ष तकरीबन 40 लाख रुपये का नुकसान बाबा मंदिर को लगा रही थी। बाबा मंदिर के आय के प्रमुख स्त्रोत मवेशी हाट की बंदोबस्ती खुली डाक से नही करने से यह नुकसान कई वर्षों से उठाते रहना पड़ा है। चालू वित्तीय वर्ष में जब बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने सख्ती की तो इस वर्ष आमदनी दोगुना से भी अधिक बढ़ गया। मंदिर न्यास समिति जहां इस वर्ष लगभग 43 लाख रुपये में पुराने ठेकेदार को ही मवेशी हाट बंदोबस्ती देने का निर्णय ले चुकी थी। जबकि राज्य धार्मिक पर्षद के कड़े रुख के बाद जब पहले न्यास ने खुद वसूली की एवं अब बंदोबस्ती हुई तो 85 लाख रुपया आय होना तय हो गया। न्यास समिति जितने में पुराने ठेकेदार को पूरे एक साल के लिए बन्दोबस्ती देने जा रही थी उससे अधिक में उसी ठेकेदार ने मात्र साढ़े पांच माह के लिए बन्दोबस्ती ली। इस वित्तीय वर्ष से पहले जहां मवेशी हाट से बाबा मंदिर को मात्र 40 लाख 76 हजार रुपये की आय प्राप्त हुई थी। वही इस वर्ष पहले खुद मंदिर ट्रस्ट द्वारा वसूली करने एवं अब खुली डाक से बंदोबस्ती करने से तकरीबन 85 लाख की आय होगी। भवेश सिंह लगातार खुली डाक से बंदोबस्ती के लिए प्रयत्नशील रहे। कई बार इन्होंने एवं संजीव सिंह ने पर्षद में शिकायत की थी। छह वर्षों से बिना डाक के दी जाती रही बंदोबस्ती :

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: सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति द्वारा बीते छह सालों से खुली डाक से बन्दोबस्ती नही करने से बाबा मंदिर को तकरीबन दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। वित्तीय वर्ष 2010-11 से लेकर 2012-13 तक की बन्दोबस्ती खुली डाक द्वारा की गई थी। आईएएस गोपाल मीणा के एसडीओ सह सचिव रहने के दौरान उस समय खुली डाक से बंदोबस्ती की गई थी। उसी बन्दोबस्ती में मनोज कुमार मनोरंजन को बन्दोबस्ती मिली थी। लेकिन इसके बाद 2013-14 से लेकर 2015-16 तक के लिए बिना डाक किये ही महज पांच प्रतिशत वार्षिक वृद्धि कर पुराने ठेकेदार को ही बन्दोबस्ती दे दी गयी। पर्षद के आदेश को की गई अनदेखी मवेशी हाट बन्दोबस्ती खुली डाक से कराने के लिए भवेश सिंह व अन्य द्वारा कई बार शिकायतें की गई। पर्षद को की गई शिकायत के आलोक में एसडीओ तक को एक बार सचिव पद से हटाया जा चुका है। 15 जुलाई 2016 को ही पर्षद के तत्कालीन प्रशासक ने 2017-18 के लिए खुली डाक से बंदोबस्ती का निर्देश दिया था। लेकिन मंदिर न्यास समिति ने इसका पालन नही किया। इसके बाद भी कई शिकायतें की गई। स्थानीय भवेश सिंह खुली डाक से बंदोबस्ती के लिए लगातार प्रयत्नशील रहे। पर्षद से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगाते रहे। इस बार पुन: मार्च में भी पर्षद ने बंद लिफाफे के द्वारा बंदोबस्ती कराये जाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी के संज्ञान लेने की वजह से पुराने ठेकेदार को ही पुन: बन्दोबस्ती नही दी सकी। लेकिन खुली डाक से बन्दोबस्ती नही कर मंदिर न्यास द्वारा स्वंय वसूली प्रारम्भ प्रारम्भ की गई। इधर पर्षद अध्यक्ष एके जैन को पुन: जानकारी मिलने पर मंदिर न्यास समिति के सचिव को डीएम की निगरानी में बंदोबस्ती कराये जाने का आदेश दिया। तब जाकर मंगलवार को बन्दोबस्ती की जा सकी।


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