संबंधन महाविद्यालय पर गिर सकती है गाज
मधेपुरा। राज्य के संबंधन प्राप्त महाविद्यालयों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई कर सकता है। इस महीने
मधेपुरा। राज्य के संबंधन प्राप्त महाविद्यालयों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई कर सकता है। इस महीने के आखिरी तारीख तक कार्रवाई संभव है। वजह की राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने छह मार्च 2019 को विज्ञप्ति प्रकाशित कर संबंधन प्राप्त महाविद्यालयों को अनुदान राशि भुगतान के लिए एक सप्ताह के अंदर दावा प्रपत्र सम्बन्धित क्षेत्र के विश्वविद्यालयों में जमा करने का निर्देश जारी किया है। इस पर छात्र उत्तीर्णता की वास्तविक स्थिति का सत्यापन उपरांत परीक्षा नियंत्रक को कुलसचिव के प्रतिहस्ताक्षरण के साथ शिक्षा विभाग को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश प्राप्त है। वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्ति के बाद यह राशि पीएल खाते में जमा हो जाएगी। जहां वर्षों से अनुदान की मुराद लिए बैठे कार्यरत शिक्षक, कर्मचारियों आश पूरी होने का अंदेशा जगा। यद्यपि बताया जा रहा है कि अधिकांश महाविद्यालयों ने विश्वविद्यालय में दावा पत्र जमा नहीं किए हैं। इस कारण शिक्षक कर्मचारियों के आशा पर पानी फिर सकता है। वहीं दावा पत्र जमा नहीं करने वाले महाविद्यालयों पर कार्रवाई हो सकता है। अनुदानित डिग्री महाविद्यालयों में वेतन भुगतान के नियम
विभागीय संकल्प संख्या 1846 दिनांक 21 नवम्बर 2008 द्वारा वित्त रहित शिक्षा नीति की समाप्ति के उपरांत राज्य के सम्बद्धता प्राप्त डिग्री महाविद्यालयों द्वारा राज्य सरकार से अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए विभागीय प्रपत्र समय-समय पर प्रकाशित करते रहे हैं। लेकिन महाविद्यालयों द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र समर्पित नहीं करने तथा विश्वविद्यालयों द्वारा ऐसे महाविद्यालयों के प्रति उदासीन व्यवहार रखने के कारण विगत सात वर्षों से वेतन भुगतान नहीं हो पाया है। बिहार विधान परिषद में निवेदन समिति गठित की गई। समिति सभी विश्वविद्यालयों को शिक्षा विभाग के साथ जिम्मेदार माना है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय को एक-एक सप्ताह की जिम्मेदारी दी है। अगर विज्ञप्ति के निदेश कॉलम की व्याख्या करें तो सरकार के सार्थक पहल की स्वत: समीक्षा होती है। सरकार इन शिक्षकों के खाते में वेतन मद की राशि स्थांतरित करने के लिए ²ढसंकल्पित है। क्यों आनाकानी कर रहे महाविद्यालय महामहिम राज्यपाल बिहार एवं शिक्षा विभाग पटना द्वारा स्पष्ट निदेश है कि वित्तीय वर्ष 2009-11 के सभी शिक्षक कर्मचारियों का ईपीएफ एकाउंट खोलकर अंश दान के साथ ही वेतन भुगतान की जाय। अधिकांश महाविद्यालय प्रबंधन ने इसकी अनदेखी की है। अब पेंच फंसने की स्थिति में है। इससे कई महाविद्यालय प्रबंधन पर गाज गिरना तय है। महाविद्यालय प्रबन्धन एक ओर चुप्पी लगा बैठी है। वहीं ऐसे संस्थानों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारी प्रबन्धन से अप्रैल माह में बगावत पर आमादा होने के लिए विवश हो सकते हैं। बीएन विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो एक महाविद्यालय का वेतन दावा विपत्र अद्यतन सत्यापित हुआ है। निर्धारित अवधि के अधीन प्राप्त विपत्रों को शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दिया जाएगा। वंचित महाविद्यालय के प्रबंधन इसके लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।