जिले में आशा कार्यकर्ता के रिक्त पद पर एक माह में करें नियुक्ति : सीएस
मधेपुरा। शनिवार को सिविल सर्जन डॉ. शैलेंद्र कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठ
मधेपुरा। शनिवार को सिविल सर्जन डॉ. शैलेंद्र कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक डीआरडीए सभागार में हुई। बैठक में सिविल सर्जन ने जिले में विभागीय स्तर से संचालित हो रहे स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की। कार्य में शिथिलता बरते जाने के कारण कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को फटकार भी लगाया। वहीं सीएस ने कहा पीएचसी में मरीजों के इलाज में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपलब्ध संसाधन में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएं।
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वेबसाइट के माध्यम से करें दवा की डिमांड : सिविल सर्जन डॉ. शैलेंद्र कुमार ने समीक्षा के क्रम में कहा कि जिले के सभी अस्पताल दवा की मांग औषधि वेबसाइट के माध्यम से ही करें। उन्होंने प्रसव पूर्व जांच खराब उपलब्धि के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरहो, कुमारखंड, शंकरपुर, मुरलीगंज, आलमनगर, चौसा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता के माध्यम से शत-प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच जांच करवाना सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौसा की उपलब्धि खराब रहने पर सिविल सर्जन ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बीएचएम को जमकर फटकार लगाते हुए कार्य में सुधार लाने का सख्त निर्देश दिया। सिविल सर्जन ने परिवार नियोजन ऑपरेशन की उपलब्धि पर असंतोष व्यक्त करते हुए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को लक्ष्य तय कर उपलब्धि बढ़ाने का निर्देश दिया।
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80 आशा कार्यकर्ता से स्पष्टीकरण : गत पल्स पोलियो अभियान के दौरान जिले के 80 आशा कार्यकर्ता से स्पष्टीकरण पूछे जाने का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया। समीक्षा के क्रम में आरसीएच डाटा इंट्री की स्थिति काफी खराब देख सिविल सर्जन डाटा इंट्री ऑपरेटर को लक्ष्य निर्धारित कर तय समय में अनुपालन करने का निर्देश दिया। विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आशा कार्यकर्ता ने रिक्त पदों पर एक माह के अंदर नियोजन कर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। ताकि स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाया जा सके।
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स्कूली में कैंप लगा बच्चों की करें जांच : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में स्कूली बच्चों का चल रहे स्वास्थ्य जांच का कार्य गत माह की अपेक्षा कम होने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बीएचएम को खुद निगरानी कर उपलब्धि बढ़ाने का निर्देश दिया। जिले के सभी अस्पतालों में हुए प्रसव की तुलना में काफी कम गर्भवती महिला को एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त होने पर सिविल सर्जन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि प्रसव हेतु अस्पताल आने और अस्पताल से घर लौटाने वाली शत-प्रतिशत गर्भवती महिला को 102 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध होना चाहिए। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र चौधरी, डीआईओ डॉ. अशोक कुमार वर्मा, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.एचएन प्रसाद, भीवीडी पदाधिकारी डॉ. एके चौधरी,अस्पताल उपाधीक्षक डॉ.अभय प्रसाद, डीपीएम आलोक कुमार, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, अकाउंटेंट, बीसीएम उपस्थित थे।
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