मानदेय भुगतान की मांग को लेकर धरना पर बैठे बीएनएमयू के अतिथि शिक्षक
मधेपुरा। बीएन मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न पीजी विभागों व अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत अतिथि श्ि
मधेपुरा। बीएन मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न पीजी विभागों व अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को सात महीने से मानदेय नहीं मिलने का मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा है। अतिथि शिक्षक अब सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ मुखर हो आंदोलन करने को विवश हैं। इस कड़ी में शनिवार को शिक्षकों ने विवि परिसर में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दे कर मानदेय भुगतान की मांग उठाई। मौके पर अतिथि शिक्षकों ने कहा कि वे लोग अपने योगदान के पश्चात पूर्ण समर्पण के साथ पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं। अभी लॉकडाउन की अवधि में ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को पढ़ा रहे हैं। लेकिन बहाली के बाद अब तक एक महीना का भी मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। इस कारण से उनलोगों को परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है। एक तरफ बिहार सरकार आमजनों के लिए राहत के अनेक उपाय किए हैं, वहीं अतिथि शिक्षकों को कोरोना महामारी के संकट और लॉकडाउन के कारण परिवार सहित दैनिक खर्च जुटाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई अतिथि शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। स्थिति ऐसी है कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जरूतमंदों व गरीबों को दिए जाने वाले 500 और 1000 रुपये के भी वे लोग पात्र नहीं हैं। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि सरकार अपने दूसरे कर्मियों को भुगतान कर रही है। लेकिन हम लोगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कम से कम मानवता के आधार पर भी विवि प्रशासन को शीघ्र मानदेय भुगतान किया जाना चाहिए। यदि उनलोगों की मांग पूरी नहीं की जाती है तो सांकेतिक धरना के बाद आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
कुलसचिव ने अतिथि शिक्षकों से वार्ता कर दिया आश्वासन इस दौरान कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद व नियुक्ति कोषांग के निदेशक डॉ. आरकेपी रमण धरना स्थल पर पहुंचकर अतिथि शिक्षकों से वार्ता कर जल्द समस्या समाधान की बात कही। कुलसचिव ने सकारात्मक आश्वासन से शिक्षकों को मनाया। मौके पर अधिकारी द्वय ने कहा कि मानदेय भुगतान के लिए शिक्षा विभाग, बिहार सरकार को पुन: स्मार पत्र भेजा जाएगा। धरना पर अतिथि प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार दास, महासचिव डॉ. दीपक कुमार, डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह, डॉ. राजीव जोशी, डॉ. प्रशांत कुमार मनोज, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. जयंत कुमार, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. संजय कुमार, डॉ. सिकंदर कुमार, डॉ. शुधांशु शेखर, डॉ. तेज नारायण यादव आदि शामिल थे।