सात बजते ही गिरने लगी शटर, हर चेहरे पर मास्क लगाने की हो रही थी अपील
कोरोना की दूरी लहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कई तरह की पाबंदिया शनिवार से लागू की गई है। पाबंदियों के पहले दिन इसका असर बाजार पर देखने को मिला।
मधेपुरा। कोरोना की दूरी लहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कई तरह की पाबंदिया शनिवार से लागू की गई है। पाबंदियों के पहले दिन इसका असर बाजार पर देखने को मिला। लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले व बढ़ रही पाबंदियों को लोग लॉकडाउन की आहट मान रहे हैं। पाबंदियों के पहले दिन बाजार भी अपेक्षाकृत मंदी दिखी। अन्य दिनों की भांति चहल पहल नहीं दिखी। जिला मुख्यालय में जिला प्रशासन द्वारा सात बजे तक ही दुकान खोलने संबंधी निर्णय का प्रचार प्रसार कराया। सात बजते बजते बाजार की अधिकांश दुकाने बंद कर दी गई। बता दें कि शुक्रवार के शाम को ही राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। इसमें बाजार के दुकानों को शाम सात बजे तक ही खुलने का आदेश जारी किया गया। वहीं सभी धार्मिक स्थलों को भी आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। स्कूल, कॉलेज व कोचिग संस्थान को भी 18 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 50 प्रतिशत की क्षमता तक ही सवारी को लिया जा सकेगा। वहीं प्रशासन लगातार बाजारों में लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रहे थे। मंदिर को भी किया गया बंद
राज्य सरकार के निर्णय के बाद शनिवार की सुबह से बाबा सिंहेश्वर नाथ मंदिर को बंद कर दिया गया। जिन्हें जानकारी नहीं थी वे आते रहे। लेकिन बाबा मंदिर बंद रहने से वो निराश होकर लौट गए। बाबा मंदिर के एक बार फिर बंद होने से पूरा परिसर सन्नाटे में रहा। शनिवार को बाहर से कई श्रद्धालु बाबा मंदिर आए भी। लेकिन जब यहां आए तो उन्हें पता चला की मन्दिर बंद है। लिहाजा वो बिना जलाभिषेक के ही लौट गए। बाजार को लेकर व्यवसायी अनिश्चितता में
बीते साल से ही बाजार मंदी की चपेट में था। इस माह 16 अप्रैल से प्रारंभ होने वाले लगन के सीजन को लेकर व्यवसायी उत्साहित थे। लेकिन अब बदले हालात में वो अनिश्चितता के माहौल में है। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि लगन, ईद आदि की तैयारी करें या नहीं। कपड़े, रेडीमेड, बाइक, फर्नीचर व ज्वेलरी के दुकानदार लगन सीजन को लेकर काफी उत्साहित थे। लेकिन अब बढ़ रही पाबंदियों को लेकर उन्हें लगन को लेकर अनिश्चितता नजर आने लगी है। वहीं व्यवसायी भी समान लाने के लिए बाहर जाने से कतराने लगे हैं। सबों को भय है कि बाहर जाने के बाद क्या पता कब लॉकडाउन लग जाए और बाहर ही न फंसे रह जाएं।