सदर अस्पताल के नेत्र विभाग का नहीं खुलता है ताला
मधेपुरा। सदर अस्पताल का नेत्र रोग विभाग में इलाज नहीं होता है। विभाग के कमरे का ताला तक नह
मधेपुरा। सदर अस्पताल का नेत्र रोग विभाग में इलाज नहीं होता है। विभाग के कमरे का ताला तक नहीं खोला जाता है। ऐसी स्थित तब है जबकि सदर अस्पताल में दो नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित है। नेत्र रोग विभाग में तमाम उपकरण मौजूद है फिर भी एक भी मोतियाबिन्द मरीजों के आंखों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से जिले को वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक हजार मोतियाबिन्द रोगियों को आंखें के ऑपरेशन का लक्ष्य दिया गया है। फिर भी अस्पताल प्रशासन सभी संसाधन रहने के बावजूद एक भी मोतियाबिन्द मरीजों के आंखों का ऑपरेशन अस्पताल में न करवा स्वयं सेवी संस्था से करवा रही है।
जानकारी हो कि सदर अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से जब अधिकारी मोतियाबिन्द ऑपरेशन करने की बात करते थे तो चिकित्सक कहते थे कि नेत्र रोग विभाग में माइक्रोस्कॉप, आवश्यक उपकरण नहीं है। जिला स्वास्थ्य समिति ने नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से आवश्यक उपकरणों की सूची बनवा लगभग छह लाख रुपये में तमाम उपकरण की खरीद किया गया। उपकरण खरीद होने के बाद विशेष चिकित्सक कहने लगे कि नेत्र रोग विभाग में जैसा शल्य कक्ष होना चाहिए वैसा शल्य कक्ष नहीं है। इसलिए मोतियाबिन्द मरीजों का ऑपरेशन नहीं किया जा सकता। अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सक के बताए निर्देश पर पूर्ण वातानुकूलित शल्य कक्ष बनाकर तैयार करवाया। वार्ड में नए बेड लगवा दिया गया। विभाग द्वारा प्राप्त एक हजार लक्ष्य के स्थान पर अब तक विभाग स्वयं सेवी संस्था के सौजन्य से मात्र एक सौ मोतियाबिन्द मरीजों के आंखों का ऑपरेशन करवा पाई है। अगर मोतियाबिन्द का ऑपरेशन अस्पताल में शुरू हो जाता तो अगले तीन माह में विभाग आराम से अपना लक्ष्य पूरा कर लेता। लेकिन विभागीय अधिकारी भी इस दिशा में सार्थक पहल नहीं कर रहा है। सिविल सर्जन डॉ. गदाधर प्रसाद पांडेय ने बताया कि नेत्र विभाग में खरीद किया गया नया उपकरण को कम्पनी के अभियंता के द्वारा स्थापित अब तक नहीं किया गया है। इसी के कारण मोतियाबिन्द का ऑपरेशन शुरू नहीं हो रहा है। बहुत जल्द उपकरणों को स्थापित करवा ऑपरेशन का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।