डेंगू के फैलने से दशहत में हैं लोग
मधेपुरा। पुरैनी में डेंगू का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। विगत डेढ़ माह से प्रख
मधेपुरा। पुरैनी में डेंगू का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। विगत डेढ़ माह से प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू का कहर लगातार जारी है। डेंगू के डंक से लोगों की चिता बढ़ने लगी है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास कोई इंतजाम नहीं हैं। मालूम हो कि क्षेत्र में डेंगू के मरीज लगातार सामने आने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। ग्रामीणों की माने तो प्रखंड क्षेत्र में दवाई छिड़काव एवं फॉगिग की सिर्फ खानापूर्ति की गयी है। यहां डेंगू के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण मरीजों को पटना, पूर्णिया एवं भागलपुर रेफर कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए इलाज कराना मुश्किल हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग की यह हालत है कि यहां सीमित संसाधनों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की हमेशा डंका पीटी जाती है।
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कई गांव हैं डेंगू की चपेट में
प्रखंड मुख्यालय सहित आधस दर्जन से अधिक गांव में डेंगू से लोग प्रभावित है। पुरैनी, गणेशपुर, डुमरैल, बाला टोल, बलिया, रौता, कुरसंडी, औराय, खेरहो, चटनमा आदि गांव एवं टोले में पिछले डेढ़ माह से डेंगू कहर बरपा रहा है। डेंगू के प्रकोप की जानकारी के बाद भी यहां के स्वास्थ्य अधिकारियों में काफी निश्चितता देखी जा रही है। क्षेत्र में प्रत्येक दिन रोगियों की संख्या में वृद्धि होने के कारण डेंगू के प्रारंभिक कष्टों से लोग दहशत में हैं। कब किसे डेंगू हो जाए, किसी को पता नहीं। बावजूद स्वास्थ्य महकमे द्वारा इससे बचाव के लिए न तो कभी जागरूकता अभियान चलाया गया है। और न ही इसके इलाज की समुचित व्यवस्था ही की गई है।
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स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है आंकड़ा
जानकारी के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र में अबतक डेंगू के मरीज की संख्या ढाई सौ के पार हो चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा के पास इसका सही आंकड़ा नहीं है। लोग स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इसकी जांच एवं उपचार की व्यवस्था नहीं रहने की बात सोच कर विभिन्न निजी क्लीनिक एवं जांच घर में जांच कराकर इलाज के लिए बाहर जा रहे हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर विनय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि सीएचसी में दो सौ से अधिक मरीजों की जांच की गई है। इसमें से लगभग 15 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं। जिसे इलाज के लिए पूर्णिया एवं भागलपुर रेफर किया गया है। उन्होंने डेंगू के प्रकोप की बात स्वीकार करते हुए कहा कि अब इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है।
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डेंगू के प्रकोप को कम करने के लिए प्रखंड क्षेत्र में विभागीय स्तर से लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाकर टेलीफास दवा का छिड़काव कराया गया है। साथ ही दूसरे चरण में छिड़काव के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
अरूण कुमार
स्वास्थ्य प्रबंधक
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