मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की मांग
मधेपुरा। कोरोना वायरस के संक्रमण से आज पूरा विश्व लड़ रहा है। दो महीने से भी अधिक समय स
मधेपुरा। कोरोना वायरस के संक्रमण से आज पूरा विश्व लड़ रहा है। दो महीने से भी अधिक समय समय से पूरे देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया। लॉकडाउन 4.0 में कुछ छूट दी गई है। परंतु इतने समय तक लगाए गए लॉकडाउन का सबसे बुरा असर फसलों के मूल्यों पर पड़ रहा है। कोरोना महामारी के बावजूद भी सरकार के द्वारा मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं किया जाना किसानों को परेशान कर रहा है। जानकारी अनुसार प्रखंड क्षेत्र में अप्रेल-मई में आई आफत की बारिश एवं तूफान ने मक्का के फसल को व्यापक पैमाने पर क्षति पहुंचाई है। पिछले वर्ष अच्छी मूल्य मिलने के कारण किसान इस बार में भी अच्छे मूल्य मिलने की आस लगाए थे। परंतु आंधी-बारिश के कारण क्षति हुए मक्का एवं लॉकडाउन के कारण फसल का गिरते मूल्य से किसानों को लागत मूल्य मिलना भी मुश्किल लग रहा है। क्षेत्र के मक्का उत्पादक किसान रामचन्द्र प्रसाद सिंह, श्यामचंद्र सिंह, मनोज यादव, राजेश रोशन, मु. शहादत, चंद्रशेखर शर्मा, अरूण चौधरी, मृत्युंजय चौधरी, विजय कुमार सिंह, जागेश्वर शर्मा, सिकन्दर शर्मा, संजय चौधरी, शंभू चौधरी, सुबोध कुमार सिंह, नितेश कुमार, शंभू शर्मा, अरुण यादव, रविन्द्र चौरसिया, अशोक चौरसिया, विकास झा सहित अन्य ने कहा कि पिछले वर्ष 18 सौ से दो हजार रुपये तक मक्का का फसल की बिक्री हुई थी। परंतु इस बार कीमत आधी मिल रही है। सरकार के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा किए जाने से कुछ राहत मिल सकती है। साथ ही किसानों ने क्षेत्र में दो हजार रुपये प्रति क्विंटल के दर पर पैक्स एवं व्यापार मंडल के माध्यम से खरीदने की मांग की है।