Madhepura News: उदाकिशुनगंज जेल में हत्या मामले के सजायाफ्ता कैदी की मौत, परिजनों ने किया हंगामा
उदाकिशुनगंज जेल में हत्या मामले में सजायाफ्ता कैदी शंकर सिंह (40) की मौत हो गई है। कैदी की मौत हार्ट अटेक से होने की बात सामने आयी है। कैदी चौसा थाना क्षेत्र के लौआलगान खौपड़िया टोला का रहने वाला बताया गया है।
मधेपुरा, जागरण संवाददाता। उदाकिशुनगंज जेल में हत्या मामले में सजायाफ्ता कैदी शंकर सिंह (40) की मौत हो गई है। कैदी की मौत हार्ट अटेक से होने की बात सामने आयी है। कैदी चौसा थाना क्षेत्र के लौआलगान खौपड़िया टोला का रहने वाला बताया गया है। वह पिछले दो साल से हत्या के एक मामले में जेल में बंद था। उन पर आधा दर्जन से अधिक मामला दर्ज होने की बात बताया जा रहा है।
कैदी की मौत पर गुरुवार की देर शाम स्वजनों ने उदाकिशुनगंज जेल के बाहर हंगामा किया। वहीं जेल के सामने एनएच 106 को जाम कर दिया। स्वजन जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्वजन का कहना है कि कैदी को पहले से किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी। ऐसे में अचानक मौत होना संदेह पेदा करता है।
जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
हालांकि सड़क जाम और हंगामे की सूचना पर स्थानीय पुलिस पहुंची। जहां लोगों को समझा बुझाकर जाम हटवाया। उसके बाद स्वजन शव को लेकर घर चले गए। जानकारी के अनुसार कैदी शंकर सिंह गुरुवार की सुबह सीने में दर्द की शिकायत लेकर जेल के भीतर के अस्पताल में गए। जहां जेल के चिकित्सक ने देखा। उसके बाद जेल के चिकित्सक ने पीएचसी प्रभारी को सूचना दी। कैदी को पीएचसी लाया गया।
कैदी की हत्या का आरोप
जहां परिक्षण के साथ ही अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ने कैदी को मृत घोषित कर दिया। जहां जेल प्रशासन ने शव के पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया। इस बीच जेल प्रशासन ने मौत की खबर स्वजन और वरीय अधिकारी को दी। वहीं जेल पहुंचे स्वजन ने सीधे तौर पर जेल प्रशासन पर जान बुझकर कैदी को मौत के नींद सुलाने का आरोप लगाया है।
कैदी शंकर के भतीजे नीतीश कुमार ने बताया कि उसके चाचा को पहले से कोई बीमारी नहीं थीं। पूरी घटना गुरुवार सुबह की है। यद्यपि जेल प्रशासन ने स्वजन को खबर नहीं दी। स्वजन ने बताया कि दुर्गा पूजा संपन्न होने के बाद घर से प्रसाद लेकर कैदी से मिलने आया था्। जहां जेल वाले कुछ घंटों तक कैदी के बारे में कुछ नहीं बताया।
अस्पताल ले जाने से पहले ही हो चुकी थी मौत
स्वजन ने यह भी बताया कि कैदी को मधेपुरा एंबुलेंस के बदले आटो पर भेजा। इस संबंध में चिकित्सा पदाधिकारी डा. इंद्रभूषण कुमार ने बताया कि जेल के चिकित्सक ने उसे कैदी के बीमार होने की सूचना दी। उसके बाद जेल के चिकित्सक को चिकित्सा पदाधिकारी ने अस्पताल लाने को कहा। जहां तुरंत मरीज को अस्पताल लाया गया।
चिकित्सक डा. इंद्रभूषण कुमार ने भी बताया कि मरीज का बीमार होने का पहले से कोई इतिहास नहीं मिला। उन्होंने बताया कि कैदी की मौत हार्ट अटेक से होने की उम्मीद है। वैसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के वास्तविक कारण का पता चल पाएगा। वहीं देर शाम कैदी स्वजन की हंगामा से जेल के बाहर अफरा तफरी का माहौल बना रहा।