नगर परिषद में बेकार हो रहे लाखों रुपये के उपकरण
मधेपुरा। पांच साल पहले आठ लाख की लागत से खरीद की गई सफाई टंकी बेकार हो रहा है। लोग
मधेपुरा। पांच साल पहले आठ लाख की लागत से खरीद की गई सफाई टंकी बेकार हो रहा है। लोगों के घरों की सैफ्टी टैंक साफ करवाने के लिए प्राइवेट वाहनों का उपयोग करना पड़ रहा है। सफाई टैंक का उपयोग सभी घरों के सेफ्टी टैंक को साफ करवाने एवं गंदे पानी नाले की सफाई के लिए किया जाता है। परंतु नगर परिषद के लापरवाही के लाखों की लागत से खरीदे गए उपकरणों पर में जंग लग गया है। दरअसल सफाई टंकी बहुत दिनों से खराब अवस्था में पड़ा हुआ है। टंकी का प्रेशर काम नहीं कर रहा है। लेकिन नगर परिषद का ध्यान नहीं है। बता दें कि पांच साल पहले नगर परिषद को सफाई टंकी नगर को स्वच्छ रखने के लिए उपलब्ध करवाया गया था। इस उपकरण को कुछ दिन उपयोग भी किया गया। परंतु कुछ दिनों बाद से ही इसे शोभा की वस्तु बन गया। उपयोग बिना ही उपकरण नष्ट होने के कगार पर है। साथ ही नगर परिषद को इससे लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है। लोगों का कहना है कि नगर परिषद में कई बार अपने अपने घरों की टंकी साफ करवाने को लेकर सफाई टंकी को भेजने को कहते है। परंतु उन्हें टंकी खराब है इस कारण कार्य नहीं हो पाता है। फलाफल प्राइवेट टैंक साफ करने वाले को बुलाना पड़ता है। साथ ही उनको ज्यादा रकम देना पड़ता है। नप अधिकारियों का कहना है कि नगर विकास एवं आवास विभाग को इसकी जानकारी दो बार दी गई है। साथ ही दो सफाई टैंक देने को कहा गया है। जो फिलहाल नगर परिषद को उपलब्ध नहीं कराया गया है।
------------------------------
नगर परिषद को हो रहा नुकसान
सफाई उपकरण के खराब रहने से नगर परिषद को इससे साल में लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। इससे होने वाली आमदनी शून्य हो गई है। नगर परिषद द्वारा लोगों को दिए जाने वाले इस उपकरण से लगभग एक बु¨कग पर हजार रुपये का रसीद काटा जाता है। इससे लोग अपने घरों की टंकी आसानी से सफाई करवाते थे। लेकिन निजी वाहन के लिए एक बार में हजार से 12 सौ रुपये तक देना पड़ रहा है।
----------------------------------
सफाई टंकी के खराब होने की जानकारी नहीं है। वे बैठक में भाग लेने पटना आए हुए हैं। लौटने के बाद जानकारी लेंगे। सफाई टंकी की जानकारी लेकर ही कुछ बता सकते हैं। टंकी खराब है तो उसकी मरम्मती कराई जाएगी।
शंकर प्रसाद
कार्यपालक पदाधिकारी
नगर परिषद, मधेपुरा