कोरोना काल में दिलीप बने 500 परिवारों के जिदगी की उम्मीद
मधेपुरा। दिल में कुछ करने की लग्न हो तो बड़ी से बड़ी मंजिल भी हासिल की जा सकती है। अगर
मधेपुरा। दिल में कुछ करने की लग्न हो तो बड़ी से बड़ी मंजिल भी हासिल की जा सकती है। अगर जरूरत है तो अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की। दिलीप कुमार खंडेलवाल मधेपुरा व्यापार जगत का ऐसा नाम है, जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है।
उन्होंने 20 साल की उम्र में आजीविका चलाने के लिए संघर्ष किया। फिर उन्हें हालात से ऐसी प्रेरणा मिली कि वह बुलंदियों तक जा पहुंचे। वह अपनी लग्न व मेहनत से जिदगी की गाड़ी को अर्श से फर्श तक ले गए और वहां से सामाजिक कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं। यही नहीं कोरोना काल में वह 60 से अधिक कर्मचारियों का भरण पोषण करते रहे और 500 गरीब व बेसहारा परिवारों की जिदगी की उम्मीद बने। उन्हें 60 दिनों तक कच्चा और पक्का भोजन उपलब्ध कराते रहे। दरअसल, दिलीप खंडेलवाल की जिदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही। सिर्फ प्रोफेशनल बल्कि पर्सनल लाइफ में भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। एक गरीब परिवार से होने के चलते दिलीप खंडेलवाल ने छोटी उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक कम लागत की कपड़े की दुकान से की थी। 21 साल की उम्र में पारिवारिक स्थिति से उन पर इतना गहरा हुआ कि उन्होंने अपना बिजनेस अंपायर बनाने का फैसला किया। छह हजार की पूंजी से उन्होंने शॉप खोली, जिसमें कपड़े स्ट्रॉलर और अन्य सामान थे। दिलीप खंडेलवाल कहते हैं जिदगी में कोई धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने समय पर जो धंधा मिला उसे पूरे मन किया और आगे बढ़ते रहे। स्वयं का बिजनेस अम्पायर खड़ा कर लोगों को उपलब्ध करा रहे रोजगार
दिलीप खंडेलवाल सिंहेश्वर से मधेपुरा तक स्वयं का बिजनेश अम्पायर खड़ा कर अब लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। सिंहेश्वर में बाबा सिंहेश्वर फ्यूल सेंटर, मधेपुरा में मधेपुरा एजेंसी के वे मालिक हैं। इनके यहां रोज सौ से अधिक मजदूर मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। धार्मिक व सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर लेते हैं हिस्सा जिले में एक सफल बिजनेशमेन ही नहीं दिलीप खंडेलवाल की सामाजिक व्यक्ति की पहचान है। वे धार्मिक व सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है । खास कर सिंहेश्वर मंदिर के हरेक कार्यों में तन मन से सहयोग करते हैं। वे बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन शाखा सिंहेश्वर के अध्यक्ष, गौड़ी मंदिर निर्माण समिति सिंहेश्वर और लायंस क्लब मधेपुरा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। इसके अलावा 20 जनवरी से सिंहेश्वर मंदिर परिसर में प्रत्येक दिन शुरू मां गौड़ी अन्नपूर्णा रसोई में अहम योगदान है। यहीं नहीं कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों के कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका में रहते हैं।
दिन-रात मेहनत कर करते रहे जरूरतमंदों की सेवा
कोरोना संक्रमण के दौर में दिलीप खंडेलवाल जैसे लोग, जो जरूरतमंदों की सेवा दिन-रात मेहनत कर करते रहे। लॉकडाउन के दौरान वह अपने मित्रों और रिश्तेदारों के सहयोग से शहर के 500 परिवारों के लिए भोजन का इंतजाम किया। इस कठिन घड़ी में जरूरतमंदों के लिए राशन के करीब ढाई सौ पैकेट बांटे।