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शुरू होने से पहले ही जर्जर हो रहा अस्पताल भवन

मधेपुरा । अनुमंडल के चौसा प्रखंड मुख्यालय से दो किलोमीटर दक्षिण भटगामा- ढोलबज्जा के समीप 33 स

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 04:21 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 04:21 PM (IST)
शुरू होने से पहले ही जर्जर हो रहा अस्पताल भवन
शुरू होने से पहले ही जर्जर हो रहा अस्पताल भवन

मधेपुरा । अनुमंडल के चौसा प्रखंड मुख्यालय से दो किलोमीटर दक्षिण भटगामा- ढोलबज्जा के समीप 33 साल पूर्व लाखों रुपये की लागत से निर्मित परिवार कल्याण अस्पताल का भवन उद्घाटन से पूर्व ही जर्जर हो रहा है। क्षेत्र के लिए वरदान साबित होने वाला यह परिवार कल्याण अस्पताल लोगों के उपचार करने के बजाए धराशायी हो रहा है। अस्पताल के भवन निर्माण कार्य के लिए यूनीसेफ से राशि का आवंटित हुआ था। लेकिन यूनीसेफ से कितनी राशि मिली थी यह स्वास्थ्य विभाग को पता नहीं है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए ही यूनीसेफ ने यह राशि उपलब्ध कराई थी। लेकिन यह अस्पताल बीमारों का उपचार कराने के बजाय खुद ही बीमार होकर अपने किस्मत पर आंसू बहा रहा है।

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मालूम हो कि भवन निर्माण कार्य वर्ष 1987 में ही पूरा हो गया था। लेकिन न तो बिजली और न ही पानी की व्यवस्था की गई थी। यहीं नहीं सुनसान जगह पर अस्पताल का निर्माण भी करा दिया गया था। इस वजह से परती जमीन को लोगों ने अतिक्रमण कर जानवरों का तबेला बना दिया। विडंबना है कि अस्पताल का भवन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कभी भी अस्पताल में सरकार द्वारा डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मियों को पदस्थापित नहीं किया गया। इससे शासन व प्रशासन की मंशा को आसानी से समझा जा सकता है। जबकि राज्य सरकार की घोषणा होती रही है कि सुलभ व सस्ता स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन यह हो नहीं सका। दरअसल अस्पताल का भवन निर्माण लौआलगान में किया जाना था। लेकिन भवन निर्माण के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण गांव के पूरब स्टेट हाईवे के किनारे अस्पताल भवन का निर्माण कराया गया। अगर गांव के निकट भवन का निर्माण कराया जाता यह स्थिति नहीं होती। छह बेड वाला अस्पताल भवन 1987 में बनकर तैयार कर दिया गया था। अस्पताल भवन के अलावा डॉक्टर एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए चार आवासीय भवन भी बनाया गया था। अस्पताल के पास एक एकड़ 10 डिसमिल जमीन है। भवन के अलावा काफी जमीन परती भी है। उस पर स्थानीय लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है। भवन निर्माण कार्य 33 वर्ष पूर्व पूरा कर लिए जाने के बावजूद आज तक परिवार कल्याण अस्पताल का उद्घाटन तक नहीं हो पाया है।


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