जिले के 4.5 प्रतिशत घरों तक ही पहुंचा नल का जल
मधेपुरा। शुद्ध पेयजल हर घर तक पहुंचाने की योजना निश्चित समय में पूर्ण होने पर संशय है। मई
मधेपुरा। शुद्ध पेयजल हर घर तक पहुंचाने की योजना निश्चित समय में पूर्ण होने पर संशय है। मई 2020 कार्य पूर्ण होने तिथि है। इस अवधि में जिले में सभी 2242 वार्डो में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है। लेकिन अब तक मात्र 102 वार्डों में ही सयंत्र स्थापित कर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सका है। जबकि 2140 वार्डो अब भी शुद्ध नल का जल योजना से दूर है। जबकि फरवरी माह खत्म होने को है। ऐसे में मात्र तीन माह का शेष समय में योजना पूर्ण करना मुश्किल लग रहा है।
135 करोड़ रुपये योजना पर हो चुके हैं खर्च
शुद्ध नल का जल हर घर तक पहुंचाने को लेकर अब तक 135 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि इस योजना में 550 करोड़ रुपये खर्च होना है। 135 करोड़ खर्च होने के बाद भी एक बड़ी आबादी इस योजना से दूर है, जबकि मई माह तक योजना पूर्ण होनी है। तीन माह में 415 करोड़ राशि खर्च होनी शेष है। ऐसे में इतनी राशि खर्च और शुद्ध पेयजल हर घर तक पहुंचेगा यह एक सवाल है। इसका जबाव न विभाग के पास है और न विभाग के आला अधिकारियों के पास।
मालूम हो कि एक वार्ड में करीब 44 लाख रुपये खर्च होना है। इस राशि में कार्य सहित पांच साल तक रख-रखाव की भी व्यवस्था की जानी है।
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अब तक 25,411 घरों तक पहुंचा शुद्ध पेयजल जिले में अब तक 25,411 घरों तक ही शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सका है। विभाग की माने तो योजना को गति देने के लिए विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। जबकि इस योजना की पूर्ण होने की तय सीमा भी नजदीक आ रही है। ऐसे में अगर ससमय योजना पूर्ण नहीं होती है तो एक बड़ा तबका को फिर इस गर्मी में शुद्ध पेयजल की किल्लत होगी। तीन लाख 77 हजार तीन घरों तक नहीं पहुंचा शुद्ध पेयजल हर घर नल का जल योजना के तहत पूरे जिले के 2140 वार्डो के तीन लाख 77 तीन घरों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पाया है। इतना बड़ा तबका शुद्ध पेयजल से दूर रहना विभाग की कार्य शैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। कार्य पूर्ण करने को मात्र तीन माह का समय शेष है। अभी तक पूरे जिले में मात्र साढ़े चार प्रतिशत आबादी तक ही शुद्ध नल का जल पहुंचा है।
--------------------- शुद्ध पेयजल के लिए अब तक 135 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 25,411 घरों तक शुद्ध जल पहुंच रहा है। मई तक बचे हुए घरों में भी शुद्ध जल पहुंचने लगेगा। अनीश अफजल, कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग