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कमजोरों व वंचितों की आवाज बनकर उभर रहे शशि

मधेपुरा। कमजोरों व वंचितों के हक की लड़ाई लड़ने में आगे रहने वाले शशि अब किसी पहच

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 11:46 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:14 AM (IST)
कमजोरों व वंचितों की आवाज बनकर उभर रहे शशि
कमजोरों व वंचितों की आवाज बनकर उभर रहे शशि

मधेपुरा। कमजोरों व वंचितों के हक की लड़ाई लड़ने में आगे रहने वाले शशि अब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत औराही निवासी शशि कुमार लोगों की आवाज बनकर उभर रहे हैं। वर्तमान में वह प्रमुख पद पर भी आसीन हैं। समाज में समानता और समरसता के लिए हर समय प्रयासरत रहते हैं। यहीं कारण है कि अब तक एक हजार से अधिक लोगों के बीच उत्पन्न हुए विवाद को बखूबी से निपटा चुके हैं। उन्हें युवा वर्ग के साथ साथ बुजुर्गों का भी साथ मिल रहा है।

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बैंक की सरकारी नौकरी छोड़ समाजसेवा और कमजोर वर्ग व वंचितों की सेवा और अधिकारों की लड़ाई लड़ने में हमेशा आगे रहते हैं। उनका मानना है कि लोगों का समुचित विकास शिक्षा के बाद ही संभव है। इसके लिए उन्होंने कई युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने में मदद की। कई युवाओं को सरकारी हक दिलाने की लड़ाई भी लड़ी। इन सब फलाफल यह रहा कि जब उन्होंने पंचायत चुनाव में पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा तो काफी मतों से जीत हासिल की। निर्विरोध प्रखंड प्रमुख पद पर आसीन हुए। प्रमुख बनने के बाद भी उनका जुड़ाव कमजोर वंचित वर्गों के लोगों के साथ रहा। बैंक की नौकरी में नहीं लगता था मन ग्रेजुएशन की पढ़ाई पटना से पूरी करने के बाद शशि की बैंक में नौकरी लग गई। लेकिन बैक की नौकरी में मन नहीं लगता था। नौकरी छोड़कर गांव आ गये। उसके बाद समाज की सेवा में लगे रहे। उन्होंने कहा कि समाज में समानता और समरसता कायम करने के लिए किसी भी मंच से परहेज नहीं रखते हैं। समाज की भलाई के लिए किसी भी मंच जाने के तैयार हैं।


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