वाजिब कीमत नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी परेशानी
मधेपुरा। बेहतर पैदावार होने के बाद आलू की खेती से जुड़े किसान निराश है। किसानों को अ
मधेपुरा। बेहतर पैदावार होने के बाद आलू की खेती से जुड़े किसान निराश है। किसानों को आलू के खरीदार ही नहीं मिल पा रहा है। व्यापारी किसानों से काफी कम कीमत आलू की खरीद कर रहें हैं। इससे किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह हैं कि किसान से दो से तीन रुपये किलो के दर से आलू बेचने को मजबूर हैं। ग्वालपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के सुखासन पंचायत के किसान अशोक यादव ने बताया कि अन्य वर्षों के मुकाबले इस वर्ष अधिक उपज हुई है। अधिक उपज होने की वजह से व्यापारी मनमानी दर पर आलू लेने की बात कर रहे है। वही अरार के किसान रोशन कुमार ने बताया कि आलू का लागत मूल्य भी नही मिल रहा है। शंकर कुमार ने बताया कि कर्ज लेकर आलू की खेती की थी। अब कम कीमत मिलने से कर्ज भी चुकाया नहीं जा सकेगा। प्रखंड क्षेत्र के अरार, रेशना, सुखासन, ग्वालपाड़ा, झिटकिया, कलहौता, कमलपुर, परसी, जिरवा, सहित सीमावर्ती इलाके के कई गांव आलू फसल के लिए मशहूर है। इस बार भी इस इलाके में आलू की बेहतर पैदावार हुई। इसके बावजूद किसानों का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाया। नहीं है कोल्ड स्टोर किसानों की बढ़ी परेशानी : आलू की खेती से जुड़े किसानों ने बताया कि इस इलाके में एक कोल्ड स्टोर की जरूरत है। कोल्ड स्टोर रहने की वजह से किसान अपने मन मुताबिक समय पर आलू बेच पाएंगे। किसान अनिल यादव ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में एक कोल्ड स्टोर होना चाहिए। अगर यह व्यवस्था हो तो कुछ दिनों के बाद उचित मूल्य किसानों को मिल पाएगा। वहीं व्यापारी का कहना है कि बाजार में अधिक मात्रा में आलू आ जाने से आलू का दाम कम हो गया है। किसानों ने कहा जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार भाव को लेकर कोई मदद नही करती है। बुआई के समय महंगे कीमत पर आलू का बीज खरीदना पड़ता है। लेकिन आलू का फसल तैयार होने के बाद भी वाजिब दाम नही मिल पाता है। अगर इसी तरह सरकार अनदेखी करती रही तो आने वाले समय में किसानों को आलू की खेती छोड़नी पड़ेगी। किसानों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं : आलू की वाजिब कीमत नहीं मिलने से परेशान किसानों का कहना कि हम लोगों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। झिटकिया के किसान शोभाकांत यादव ने बताया कि महंगे दर पर बीज खरीदने के बावजूद भी आलू का वाजिब कीमत नहीं मिल पा रहा है। अरार के किसान चंद्रकिशोर यादव ने बताया कि 18 सौ रुपया क्विटल के दर से 10 एकड़ में फसल लगाया था।लेकिन अभी खेत पर 3 सौ से साढ़े तीन सौ रुपये व्यापारी प्रति क्विटल खरीद रहें हैं।
किसान सीताराम यादव अब आलू की खेती करने में कोई फायदा नहीं हैं। अरार के रोशन कुमार यादव उपज तो अन्य वर्ष के मुकाबले ठीक ठाक रहा। लेकिन व्यापारी के मनमाने रूख के का कारण उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। वही आलू के व्यापारी क्विंटल पर 10 किलो अधिक मांग रहे है। किसान काली ऋषिदेव ने बताया कि महाजन से कर्ज लेकर 10 कट्ठा खेती किया था।अच्छी उपज के बावजूद भाव कम होने से महाजन का कर्ज भी चुकता नही हो पाएगा।