Move to Jagran APP

चुनाव में तय सीमा से अधिक खर्च कर रहे प्रत्याशी

संवाद सूत्र पुरैनी (मधेपुरा) पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार से लेकर चुनावी का

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 05:45 PM (IST)
चुनाव में तय सीमा से अधिक खर्च कर रहे प्रत्याशी
चुनाव में तय सीमा से अधिक खर्च कर रहे प्रत्याशी

संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा) : पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार से लेकर चुनावी कार्य तक खर्च करने की सीमा निर्धारित है।

loksabha election banner

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित तय राशि खर्च करने का निर्देश चुनाव लड़ने वाले विभिन्न उम्मीदवारों पर कोई प्रभाव नहीं डाल रहा है। सभी पद के उम्मीदवार चुनाव आयोग के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर प्रचार-प्रसार के दौरान लग्जरी प्रचार वाहन, समर्थकों के लजीज भोजन सहित वाहनों में पेट्रोल-डीजल पर जमकर खर्च करने में लगे हैं। खर्च का यह सिलसिला प्रत्याशियों के एनआर कटाने से लेकर अब तक जारी है, जो मतगणना के दिन तक चलता रहेगा। सब कुछ खुलेआम होने के बाद भी ऐसे उम्मीदवारों पर स्थानीय प्रशासनिक स्तर से कोई भी शिकंजा नहीं कसा जा रहा है।

मालूम हो कि जिले के 10 प्रखंडों का चुनाव परिणाम आ चुका है। लिहाजा पुरैनी प्रखंड क्षेत्र में यह चर्चा काफी तेज हो गई कि पद हथियाने के लिए पैसा तो खर्च करना ही पड़ेगा। इस चर्चा के बीच आमलोग ऐसे प्रत्याशी के खर्च का मौखिक हिसाब-किताब जोड़ते हैं तो निर्धारित खर्च से कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा हो भी क्यों नहीं विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के खर्च करने का सिलसिला नामांकन के दिन से ही शुरू हो गया है। जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य व पंच पद के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन के दिन कई लग्जरी चार पहिया व दर्जनों दो पहिया वाहनों से रैली निकालकर अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचते देखे गए थे। साथ ही नामांकन के उपरांत समर्थकों की भीड़ के लिए लजीज भोजन सहित सभी वाहनों में तेल की भी व्यवस्था की गई थी।

आयोग द्वारा निर्धारित खर्च करने की राशि

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा एनआर से लेकर नामांकन, प्रचार-प्रसार,मतदान एवं मतगणना तक पदवार खर्च करने राशि निर्धारित कर दी है। चुनाव के दौरान जिप सदस्य प्रत्याशी के लिए एक लाख, मुखिया के लिए 40 हजार, सरपंच व पंचायत समिति सदस्य के लिए 30 हजार, वार्ड सदस्य व पंच पद के लिए 20 हजार रुपए तक खर्च करने की राशि तय की गई है।

चुनावी खर्च का देना होता है हिसाब किसी भी पद पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान खर्च किए गए राशि का हिसाब राज्य निर्वाचन आयोग को देना है। प्रत्याशियों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित राशि तक का ही हिसाब जमा करने का प्रावधान है। ऐसे में चुनाव के बाद अधिकांश प्रत्याशी जहां महज खानापूर्ति करते हुए सारा हिसाब सौंप दिया करते हैं। वहीं चुनाव हारने वाले कई प्रत्याशी तो हिसाब तक देना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। हिसाब नहीं देने वाले ऐसे प्रत्याशियों को अगले चुनाव में किसी भी पद के उम्मीदवारी पर रोक लगा दिए जाने का प्रावधान है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.