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सूची में दर्ज है मृत मतदाताओं का नाम

मधेपुरा। पुरैनी प्रखंड क्षेत्र के औराय पंचायत के मतदाता सूची का जब सत्यापन किया गया तो दर्जनों म

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 06:27 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 06:27 PM (IST)
सूची में दर्ज है मृत मतदाताओं का नाम
सूची में दर्ज है मृत मतदाताओं का नाम

मधेपुरा। पुरैनी प्रखंड क्षेत्र के औराय पंचायत के मतदाता सूची का जब सत्यापन किया गया तो दर्जनों मृत मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में पाए गया है। वार्ड नंबर छह में कई मतताओं की मौत हो चुकी है, लेकिन नाम आज भी सूची में दर्ज है। यह कहानी अमूमन प्रखंड क्षेत्र के सभी नौ पंचायतों के 117 वार्डों की है। मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में लगे कई बीएलओ ने भी दबी जुबान स्वीकार करते हुए बताया कि प्राय: हर वार्ड की यही स्थिति है। दर्जनों की संख्या में मृत मतदाताओं के नाम हर वार्ड के मतदाता सूची से तकनीकी कारणों से इस बार के पंचायत चुनाव में भी विलोपित नहीं हो सके हैं। मालूम हो कि राज्य निर्वाचन आयोग के सहमति के उपरांत पंचायत चुनाव 2021 को लेकर बीते 23 अगस्त को वार्ड वार अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया है। प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के सत्यापन से यह बात सामने आई है कि प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में कई ऐसे मृत मतदाता हैं जिनका नाम अब भी मतदाता सूची में दर्ज है। अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची से भी ऐसे मतदाताओं का नाम विलोपित नहीं किया जा सका है। ऐसी स्थिति में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को मतदाताओं के वास्तविक आकलन में भी काफी परेशानी हो रही है। हर वार्ड की सूची में है मृत मतदाताओं के नाम प्रखंड क्षेत्र के औराय पंचायत के मतदाता सूची का जब सत्यापन किया गया तो दर्जनों मृत मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में पाए गए। इसमें वार्ड संख्या छह में सुचर शर्मा, कोको शर्मा, सुलेखा देवी, राजकुमार शर्मा, वार्ड संख्या सात में विदेश्वरी शर्मा, लखन सिंह, वार्ड संख्या नौ में किशोर सिंह सहित कई ऐसे मतदाताओं के नाम मिले जिनकी मृत्यु काफी पहले हो चुकी है।

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मतदाता सूची पुनर्रीक्षण के नाम पर हो रही खानापूर्ति चुनाव से पूर्व मतदाता सूची के पुर्नरीक्षण का कार्य जमीनी स्तर से कराया जाता है। लेकिन पुर्नरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति किए जाने का यह ज्वलंत उदाहरण है। 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले नए मतदाताओं का नाम तो जोड़ दिया जाता है। लेकिन मृत मतदाताओं के नाम विलोपित नहीं किए जाते हैं। जबकि बीएलओ स्तर से ऐसे मतदाताओं की सूची विलोपन के लिए संबंधित अधिकारी को तो हर बार भेज दी जाती है। लेकिन उच्चाधिकारी इसमें कोई रूचि नहीं लेते हैं। परिणामस्वरूप मतदाता सूची में नाम जोड़ने, सुधार करने व विलोपित करने का खेल वर्ष भर चलने के बावजूद उसमें सुधार नहीं हो पाता है।

बढ़ जाती मतदान केंद्रों की संख्या मृत मतदाताओं के नाम स-समय विलोपित नहीं किए जाने से जहां चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को मतदाताओं के वास्तविक आकलन में परेशानी होती है। वहीं प्रशासनिक स्तर पर मतदान केंद्र निर्धारण में भी कठिनाई होती है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पंचायत चुनाव 2021 में किसी भी मतदान केंद्र पर 850 से एक भी अधिक मतदाता होने पर वहां सहायक बूथ बनाने का निर्देश दिया गया है। इस कारण इस बार पंचायत चुनाव में प्रखंड क्षेत्र में छह सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कोट पंचायत चुनाव 2021 के दौरान प्रखंड क्षेत्र के सभी नौ पंचायतों में तीन हजार 102 नए मतदाताओं का नाम जोड़ा गया है। इसके अलावा बीते विधानसभा चुनाव में उपयोग किए गए मतदाता सूची के आधार पर ही पंचायत चुनाव कराया जा रहा है। उस मतदाता सूची में मात्र नए मतदाताओं का नाम जोड़कर उसे वार्ड स्तर पर विखंडित किया गया है। -अरुण कुमार सिंह

बीडीओ, पुरैनी


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