प्रबंधक को बिना चार्ज के कैसे होगी महाशिवरात्रि मेले के तैयारी
--प्रबंधक कार्यालय कक्ष में तीन माह से अधिक समय से है लगा ताला -प्रबंधक के बंद कक्ष में है मंि
--प्रबंधक कार्यालय कक्ष में तीन माह से अधिक समय से है लगा ताला
-प्रबंधक के बंद कक्ष में है मंदिर न्यास की सारी महत्वपूर्ण संचिका
-तीन माह बाद भी प्रबंधक को नही मिला पूर्ण प्रभार
--पूर्व प्रभारी प्रबंधक कार्यालय में ताला मारकर है गायब
-महाशिवरात्रि मेले की तैयारी पर पर सकता है प्रभाव
--चार्ज ग्रहण नही कराए जाने से नहीं हो पा रही है न्यास समिति की बैठक
- 04 मार्च से प्रारम्भ हो रहा है महाशिवरात्रि मेला संवाद सूत्र,¨सहेश्वर(मधेपुरा)
महाशिवरात्रि मेला के महज डेढ़ माह बचे रहने के बावजूद अब तक न तो प्रबंधक कक्ष का ताला खुलवाया गया है और न ही प्रबंधक को पूर्ण चार्ज ग्रहण कराया जा सका है। ऐसे में मेले की तैयारियों को लेकर सवाल उठाया जा रहा है। मेला चार मार्च से प्रारम्भ होना है। मेले की बंदोबस्ती भी ¨सहेश्वर मंदिर न्यास समिति ही लेती है। बंदोबस्ती प्रक्रिया भी जिला प्रशासन द्वारा जल्द प्रारम्भ कराये जाने की उम्मीद है। लेकिन मंदिर न्यास समिति की मेला को लेकर सारी महत्वपूर्ण संचिका प्रबंधक कक्ष में ही बंद है। रविवार को एक आंतरिक बैठक कर एसडीओ सह मंदिर न्यास समिति के सचिव ने मेला की तैयारी प्रारम्भ तो कर दिया है लेकिन सवाल यह है कि बिना प्रबंधक के पूर्ण चार्ज के किस प्रकार कार्यों का संचालन होगा। प्रबंधक कक्ष में ताला लगे रहने की वजह से सारे महत्वपूर्ण कागजात उसी में बंद है।
बीते तीन माह से प्रबंधक को पूर्ण प्रभार पूर्व प्रभारी प्रबंधक द्वारा नहीं सौंपा गया है। पटना हाई कोर्ट के न्यायादेश के आलोक में बिहार राज्य धार्मिक पर्षद द्वारा नियुक्त प्रबंधक रवि कुमार झा को नौ अक्टूबर को तत्कालीन सचिव सह डीडीसी ने योगदान कराकर प्रभार ले लिया था। लेकिन उसी दिन से पूर्व प्रभारी प्रबंधक कार्यालय कक्ष में ताला मारकर बिना स्वीकृत अवकाश के गायब है। और तब से न तो प्रबंधक को चार्ज ग्रहण कराया गया है और न ही कार्यालय कक्ष में लगे ताले को खोला है।
------------------------------------
आखिर कार्यालय कक्ष में ताला क्यों?
प्रबंधक को चार्ज नही दिए जाने के मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार क्यों और किस वजह से नए प्रबंधक को चार्ज ग्रहण नही कराया जा रहा है। आखिर ऐसी क्या वजह है कि पर्षद द्वारा नियुक्त प्रबंधक के न्यास समिति के सचिव द्वारा योगदान कराए जाने के साथ ही पूर्व प्रभारी प्रबंधक गायब हो गए है। बड़ी बात तो यहाँ है कि कार्यालय कक्ष में भी पूर्व प्रभारी प्रबंधक ताला मारकर गायब है। जबकि डीडीसी सह तत्कालीन सचिव लगातार पत्र जारी कर प्रभार ग्रहण कराए जाने का निर्देश देते रहे। लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि क्या कुछ खास कागजात को दबाए रखने के लिए तो नही कार्यालय कक्ष में ताला मारकर पूर्व प्रभारी प्रबंधक गायब है। ऐसी हालात में तो प्रबंधक कक्ष में रखी महत्वपूर्ण संचिका पर भी खतरा उत्पन्न होने की बात कही जा रही है।
----------------------------------------
आखिर सचिव क्यों है चुप्पी साधे?
मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आ़िखरकार सचिव सह एसडीओ क्यों इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। आखिर सचिव के द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नही की जा रही है। एसडीओ के सचिव बनने के बाद से अब तक एक पत्र भी चार्ज ग्रहण कराए जाने को लेकर नही निकाला गया है। सचिव बने एसडीओ को ढाई माह बीत चुके है लेकिन इस दौरान कोई भी कार्रवाई नही की गयी। जबकि इससे पहले तक सचिव रहे डीडीसी ने 15 दिनों के भीतर चार पत्र निकालकर पूर्व प्रबंधक को जल्द से जल्द प्रभार दिए जाने का आदेश जारी किया था। वही एसडीओ के सचिव बनने के बाद सारी कार्रवाई अचानक से शिथिल पर गयी।
--------------------------------------------
प्रबंधक को चार्ज ग्रहण नही कराए जाने की जानकारी पर्षद को है। नियुक्ति के बाद चार्ज ग्रहण कराना ¨सहेश्वर मंदिर न्यास समिति का दायित्व है। इस मामले में समिति से पर्षद द्वारा रिपोर्ट मांगी जा रही है।
बीर बहादुर ¨सह
अधीक्षक,बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद, पटना