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नहीं बिक रहा मक्का, लागत मूल्य पर भी आफत

मधेपुरा। कोरोना की रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण मक्का की खेती करने वाल

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 06:06 PM (IST)
नहीं बिक रहा मक्का, लागत मूल्य पर भी आफत
नहीं बिक रहा मक्का, लागत मूल्य पर भी आफत

मधेपुरा। कोरोना की रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण मक्का की खेती करने वाले किसानों की परेशानी बढ़ गई है। बीते वर्ष भी कोरोना व लॉकडाउन के कारण किसानों का मक्का नहीं बिक पाया था। वहीं इस बार भी किसानों को मक्का के खरीददार नहीं मिल पा रहें हैं। पूर्व में जहां किसानों का मक्का 1700 से 1800 रुपये प्रति क्विटल बिक जाया करता था। वहीं इस बार एक हजार से 1200 रुपये प्रति क्विटल में मक्का खरीदने को व्यापारी तैयार नहीं हो रहे हैं। मक्का का वास्तविक मूल्य नहीं मिलने से किसानों को नुकसान की आशंका सता रही है। किसानों का है कि कोरोना की यह दोहरी मार किसानों पर पड़ी है। ऐसी स्थिति में लागत मूल्य भी निकालना मुश्किल लग रहा है।

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महाजन से कर्ज लेकर किसान करते हैं मक्का की खेती

कोसी के इस इलाके में किसानों के लिए मक्का की खेती को कैश क्रॉप माना जाता था। बेहतर पैदावार और मुनाफा होने की वजह से किसान महाजन से भी कर्ज लेकर मक्का की खेती करते है। लेकिन कोरोना के दौर में किसानों के लिए मक्का बेचना एक चुनौती बनी हुई है। किसानों का कहना है कि मक्का के खरीददार नहीं पहुंच पा रहें हैं। ऐसे में स्थानीय खरीददार औने पौने दर मक्का खरीदना चाह रहें हैं। ऐसी स्थिति में लगात मूल्य भी निकल पाना मुश्किल लग रहा है।

बड़े पैमाने पर किसान करते हैं मक्का की खेती

प्रखंड क्षेत्र के ग्वालपाड़ा, अरार, रेशना, सुखासन, जिरवा, कमलपुर, परसी, खोखसी, पिरनगर, बीरगांव, चतरा, झिटकिया, कमलपुर, परसी,कल्याणपट्टी, परोकिया, शिशवा पट्टी गांव के किसान बड़े पैमाने पर मक्का की खेती करते हैं। लेकिन मक्का नहीं बिक पाने की वजह से किसानों को नुकसान की चिता सताने लगी है। किसान मनोज कुमार यादव, जिरवा गांव के सुरेश यादव,शाहपुर,गांव के किसान संतोष कुमार सिंह,शंभु सिंह, बुदूर सिंह,सहित आसपास के इलाके के किसानों ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुए लॉक डउन होने की वजह से किसानों को मक्के की फसल का नुकसान उठाना पड़ सकता है। कर्ज लेकर की गई खेती से वैसे ही किसानों की कमर टूट चुकी है।


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