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हवन-पूजन व भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन

लखीसराय। अगर मनुष्य चाहे तो किसी जीवित व्यक्ति को गुरु बनाए बिना बहुत कुछ सीख सकता है। भगवान श्रीकृष

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 06:08 PM (IST)
हवन-पूजन व भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन
हवन-पूजन व भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन

लखीसराय। अगर मनुष्य चाहे तो किसी जीवित व्यक्ति को गुरु बनाए बिना बहुत कुछ सीख सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने धाम गमन करते हुए आखिरी उपदेश में कहा है कि मुझे किसी रस्सी से नहीं बांधा जा सकता है। मुझे तो सिर्फ प्रेम की रस्सी से बांधा जा सकता है। जो व्यक्ति मेरा कीर्तन और सत्संग करेगा वहीं अपनी भक्ति के बल पर बांध सकता है। उक्त बातें मां बाला त्रिपुर सुंदरी के भक्त श्रीधर सेवाश्रम में खाक चौक ठाकुरबाड़ी बड़हिया के तत्वावधान में आयोजित भागवत कथा के दौरान अंतिम दिन बुधवार की शाम को अयोध्या से आए आचार्य शिवेन्द्र त्रिपाठी ने कही। भागवत कथा के अंतिम दिन कथा के आचार्य सज्जन शुक्ला के द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन कराया गया। परिसर में विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया जिसमें कुंवारी कन्याओं एवं ब्रह्मणों को ज्योनार कराया गया। इस मौके पर चन्द्र मोहन झा, अजय ¨सह सहित सैकड़ों महिला-पुरूष श्रद्धालु उपस्थित थे।

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