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ज्ञान का दीपक जलाते ही कर्मों का अंधकार समाप्त हो जाता है : रंगनाथाचार्य

लखीसराय । प्रखंड के जैतपुर गांव स्थित श्रीठाकुर लक्ष्मी नारायण ठाकुरवाड़ी में आयोजित श्री गरु

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 08:42 PM (IST)
ज्ञान का दीपक जलाते ही कर्मों का अंधकार समाप्त हो जाता है : रंगनाथाचार्य
ज्ञान का दीपक जलाते ही कर्मों का अंधकार समाप्त हो जाता है : रंगनाथाचार्य

लखीसराय । प्रखंड के जैतपुर गांव स्थित श्रीठाकुर लक्ष्मी नारायण ठाकुरवाड़ी में आयोजित श्री गरुड़ जी प्राण प्रतिष्ठा सह भागवत कथा सप्ताह महायज्ञ का समापन बुधवार को हुआ। श्री गरुड़ जी महाराज प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आचार्य रंगनाथाचार्य ने वैदिक मंत्रोचार एवं हवन पूजन के साथ यजमान सुरेंद्र सिंह उर्फ सुरन सेठ के कर कमलों समारोह संपन्न कराया। समापन के पश्चात कुंआरी कन्याओं को ज्योनार कराया गया। श्रद्धालुओं के बीच महा प्रसाद का वितरण किया गया। वहीं भागवत कथा सप्ताह समापन के अवसर पर कथा वाचक रंगनाथाचार्य ने राजा परीक्षित प्रसंग सुनाते हुए कहा कि राजा राजा परीक्षित को श्राप मिला था कि सात दिवस के पश्चात उनकी मृत्यु हो जाएगी परंतु परीक्षित ने इस लघु अवधि को इतना अपूर्व रूप से सदुपयोग किया कि उनके लिए मोक्ष के द्वार खुल गए। सर्वविदित है कि परीक्षित की मुक्ति केवल हरि चर्चा या कृष्ण लीलाओं को श्रवण करने मात्र से ही नहीं हुई थी, अपितु पूर्ण गुरु सुखदेव जी महाराज के द्वारा प्रभु के तत्व रूप को अपने अंदर जान लेने पर हुई थी। शास्त्रानुसार अज्ञानतावश सभी सदस्यों का नाश गुरु द्वारा दिव्य नेत्र प्राप्त होने पर ही होता है। उन्होंने कहा कि अंधकार कितना ही पुराना क्यों ना हो लेकिन एक छोटा सा दीपक जलाते ही वह क्षण भर में खत्म हो जाता है। इसी प्रकार कोई कितना भी पापी क्यों ना हो ज्ञान का दीपक जलाते ही जन्म जन्मांतरों के कर्मों का सब अंधकार समाप्त हो जाता है। इस मौके पर महंथ अनंताचार्य, रामाशीष सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, दीपक कुमार, परमानंद सिंह, पतरु सिंह, भरत कुमार, अमित कुमार ,राज कुमार सिंह ,मंगल कुमार, विमल कुमार सहित सैकड़ों महिला एवं पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।

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