हेलीकॉप्टर देखने उमड़ी भीड़, उम्मीदवार को नहीं मिली जीत
लखीसराय । वर्तमान समय में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कर
लखीसराय । वर्तमान समय में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कराने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों में राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के नेताओं से चुनाव प्रचार कराने की होड़ मची रहती है। चुनावी मौसम में आए दिन विभिन्न क्षेत्र में हेलीकॉप्टर का आना-जाना लगा रहता है। हेलीकॉप्टर देखने की जिज्ञासा आम लोगों में धीरे-धीरे कम होने लगी है। परंतु वर्ष 1962 के विधानसभा चुनाव में सूर्यगढ़ा की धरती पर पहली बार हेलीकॉप्टर उतरने पर उसे एवं उससे उतरने वाले नेता को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। ये अलग बात है कि इसके बावजूद संबंधित दल के उम्मीदवार की बुरी तरह हार हुई थी। वर्ष 1962 में स्वतंत्र पार्टी की टिकट पर भागवत प्रसाद मेहता सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में उतरे। स्वतंत्र पार्टी के सर्वेसर्वा रामगढ़ (वर्तमान में झारखंड) के राजा राय बहादुर कामाख्या नारायण सिंह थे। अपनी पार्टी के उम्मीदवार भागवत प्रसाद मेहता के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए राय बहादुर कामाख्या नारायण सिंह हेलीकॉप्टर से सूर्यगढ़ा पहुंचे थे। सूर्यगढ़ा एवं नयाटोला सलेमपुर के बीच हेलीकॉप्टर देखने के लिए पहले ही काफी संख्या में लोग जमा हो गए। भाषण सुनने से अधिक हेलीकॉप्टर देखने वालों की भीड़ थी। इसके पूर्व इतनी अधिक भीड़ किसी भी किसी नेता को देखने अथवा सुनने के लिए जमा नहीं हुई थी। इसके बावजूद भागवत प्रसाद मेहता की बुरी तरह हार हुई। उक्त चुनाव में कांग्रेस के राजेश्वरी प्रसाद सिंह ने भाकपा के पंडित कार्यानंद शर्मा पर जीत दर्ज की। भागवत प्रसाद मेहता को करीब आठ हजार मत मिला। पूर्व विधायक भागवत प्रसाद मेहता ने बताया उक्त चुनाव में स्वतंत्र पार्टी ने पूर्व हजारीबाग एवं रामगढ़ आदि क्षेत्र के सभी 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। पूर्व मुख्यमंत्री केबी सहाय का वहां से पत्ता साफ हो गया था। राजा राय बहादुर कामाख्या नारायण सिंह के भाई बसंत नारायण सिंह उस समय प्रतिपक्ष के नेता थे। इसके बाद वर्ष 1967 में भागवत प्रसाद मेहता ने पीएसपी की टिकट पर जीत हासिल की थी।