मालखाना का प्रभार नहीं देने पर रिटायर्ड एएसआइ के खिलाफ केस
लखीसराय। थानों में पुलिस पदाधिकारी का पदस्थापन और स्थानांतरण एक सामान्य प्रक्रिया है। वहीं जि
लखीसराय। थानों में पुलिस पदाधिकारी का पदस्थापन और स्थानांतरण एक सामान्य प्रक्रिया है। वहीं जिन पुलिस पदाधिकारी को मालखाना का प्रभारी बनाया गया उनके लिए यह एक बोझ बन गया। अगर इसकी गहराई से जांच की जाए तो अधिकांश पुलिस थानों में दर्जनों पुलिस पदाधिकारी की लंबी लिस्ट होगी जिनका थानों से तबादला हो गया। वे दूसरे जिले में चले भी गए लेकिन मालखाना का प्रभार नहीं दिया है। ऐसा ही एक मामला लखीसराय थाना का सामने आया है। यहां मालखाना का प्रभार नहीं देने पर एसपी सुशील कुमार के आदेश पर सेवानिवृत्त एएसआइ कौशिक आनंद सिंह के विरुद्ध लखीसराय थाने में केस दर्ज किया गया है।
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क्या है पूरा मामला
वर्ष 2005 में लखीसराय थाना में एएसआइ के पद पर कौशिक आनंद सिंह पदस्थापित थे। उन्हें मालखाना का प्रभारी बनाया गया था। करीब एक वर्ष के बाद उनका स्थानांतरण हो गया और वह दूसरे जिले में पदस्थापित किए गए। समय बीतता गया और वर्ष 2015 में वे सेवानिवृत्त हो गए। लेकिन, लखीसराय थाना के मालखाना का प्रभार उन्होंने नहीं सौंपा। सेवानिवृत्त होने के बाद जब उन्होंने अपना पेंशन और अन्य सेवा लाभ की राशि के लिए विभागीय पहल की तो पुलिस मुख्यालय ने वर्ष 2019 में ही उनके द्वारा मालखाना का प्रभार नहीं सौंपने का मामला पकड़ा। उधर एएसआइ कौशिक आनंद सिंह के करीबी बताते हैं कि दूसरे जिले में स्थानांतरण के बाद भी लखीसराय थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेश रंजन, गौतम कुमार, अभिजीत कुमार के कार्यकाल में वे लखीसराय थाना के मालखाना का प्रभार देने आए लेकिन कतिपय कारणों से तत्कालीन थानाध्यक्षों से उन्हें सहयोग नहीं मिला। वे आते रहे और निराश होकर जाते रहे फिर रिटायर्ड भी कर गए।
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मालखाना का इन्वेंट्री कराने के लिए थानाध्यक्ष ने डीएम को लिखा पत्र
लखीसराय थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि सेवानिवृत्त एएसआइ कौशिक आनंद सिंह ने 15 वर्ष पूर्व मालखाना का प्रभार नहीं सौंपा है। उनके सेवानिवृत्त होने के सात वर्ष बीत चुके हैं। थानाध्यक्ष ने डीएम से सेवानिवृत्त एएसआइ के कार्यकाल के मालखाना का इन्वेंटरी कराने के लिए दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त करने का अनुरोध किया है।