सरकारी अस्पतालों में इलाज के नाम पर रेफर होते मरीज
लखीसराय। एक ओर जहां सरकार अस्पतालों को उन्नत करके मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उप
लखीसराय। एक ओर जहां सरकार अस्पतालों को उन्नत करके मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिले के अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने की बात तो दूर सामान्य बीमारियों का भी इलाज नहीं हो पर रहा है। साधारण बीमारी में भी मरीज रेफर कर दिए जा रहे हैं। इस कारण मरीजों का सरकारी अस्पतालों से मोह भंग होने लगा है। जिले के अस्पताल के ओपीडी में वर्ष 2018-19 में 11 लाख 87 हजार 878 मरीजों का इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें से मात्र छह लाख 305 मरीजों यानी निर्धारित लक्ष्य का 51 फीसद मरीजों का ही इलाज किया जा सका है। कहने को तो स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने को लेकर सदर अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार नवजात के उपचार के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एसएनसीयू, गैर संचारी रोग सेल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया जा रहा है परंतु चिकित्सकों, दवा एवं अन्य संसाधनों की व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस कारण मरीजों का समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है।
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सदर अस्पताल में दवा की स्थिति
सदर अस्पताल के ओपीडी में बुखार की साधारण दवा पैरासिटामोल तक नहीं है। इसके अलावा पेट दर्द, खुजली आदि की भी दवा नहीं है। प्रसव कक्ष में भी प्रसव के समय जरूरत की दवा नहीं है। जबकि एसएनसीयू में चमकी की दवा, फिनोवार्वी टोन, टेक्सीम एंटीबायोटिक आदि दवा नहीं है।
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अस्पताल वार लक्ष्य व इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या सदर अस्पताल
निर्धारित लक्ष्य - 3,87,546
इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या - 59,823 पीएचसी हलसी
निर्धारित लक्ष्य - 1,37,843
इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या - 76,257 रेफरल अस्पताल बड़हिया
निर्धारित लक्ष्य - 1,53,279
इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या - 1,09,961 पीएचसी पिपरिया
निर्धारित लक्ष्य - 63,370
इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या - 45,849 पीएचसी रामगढ़ चौक
निर्धारित लक्ष्य - 1,05,043
इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या - 74,588 पीएचसी सूर्यगढ़ा
निर्धारित लक्ष्य - 3,40,797
इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या - 1,57,172 ----
जिले में चिकित्सकों की कमी है। चिकित्सक के सृजित 153 पद की जगह मात्र 35 नियमित एवं 17 संविदा आधारित हैं। ऐसी स्थिति में परेशानी होना स्वाभाविक है। अस्पतालों में जरूरी दवा उपलब्ध करा दी गई है।
- डॉ. अशोक कुमार सिंह, सिविल सर्जन, लखीसराय